Wazu ki Dua: माहे मुबारक रमजान में हर मुसलमान इन दिनों इबादत की कैफियत से लबरेज हो रहा है। आसमान से मौला की रहमतों की बारिश मोमिनों को भिगो रही है। ऐसे में इबादत के लिए सबसे अहम जरूरी अरकान है वजू करना। इस्लाम में वजू करके पाकी हासिल की जाती है। नमाज से पहले वजू किया जाता है। वजू करने का तरीका तो हमने आपको बता दिया अब उसकी दुआ भी बता रहे हैं, ताकि मुकम्मल सवाब का आपको फायदा मिल सकें। वजू करने से पहले और बाद में ये दुआ (Wazu ki Dua) जरूर पढ़ें। इससे वजू का सवाब कई गुना बढ़ जाता है। नबी ए करीम का फरमान है कि वजू गुनाहों को धो देता है। हमें भी आप अपनी दुआओं में इसी तरह शामिल रखें।
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वुज़ू के पहले की दुआ
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम
हिंदी अर्थ – शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान, निहायत रहम वाला है।
वुज़ू के बाद की दुआ
अश-हदू अन् ला इलाहा इल्लल्लाहु वहदहु ला शरीका लहु व’ अश-हदु अन्ना मुहम्मदन अबदुहु व रसूलुहु (दूसरा कलमा)
हिंदी अर्थ – मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई खुदा (माबूद) नहीं, और वह अकेला है उसका कोई साथी नहीं है, और मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) उनके बंदे और उनके सच्चे रसूल (पैगंबर) है।
इसके बाद ये दुआ पढ़ें
अल्लाहुम्मज’अल्नी मिनत्-तव्वाबीना वज’अल्नी मिनल-मुततह्हिरीन
हिंदी अर्थ – ऐ अल्लाह मुझे तौबा करने वाले लोगों में शामिल फरमा, और मुझे पाक साफ लोगों में शामिल फरमा।
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वजू की अहमियत
वजू असल में अरबी शब्द वुज़ू (wudu) है जिसका मतलब है रोशन होना। यानी नमाज से पहले मुसलमान को अपने जिस्म को पानी से साफ करने की एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें कुछ नियम कायदे होते हैं। वजू के दौरान एक दुआ पढ़ी जाती है। वुजू करना यानी अपने हाथ, मुंह और पैरों को खास तरह से सिलसिलेवार तरीके से धोने की पूरी प्रक्रिया, जिसे नमाज से पहले किया जाता है। वजू करने से पहले मिस्वाक करना भी सुन्नते रसूल है। वजू करने से पहले बंदे के गुनाह माफ कर दिये जाते हैं।