भारत को दुनिया में योग गुरू माना जाता है। योग करने से जहां शरीर तो स्वस्थ्य रहता ही है मानसिक शांति भी मिलती है। देश में पुरातन काल से ऋषि मुनि योग किया करते थे। जिससे वे रोगमुक्त रहा करते थे। इसी योग को दुनिया में पहचान दिलाने के लिए और योग के महत्व को बताने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा में स्वीकार किया गया। जिसके बाद 2015 में पहली बार विश्व भर में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
पहला योग दिवस
कोरोना काल के समय में योग को काफी सहायक माना गया। लोगों ने संक्रमण से बचने के लिए योग का सहारा लिया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 में संयुक्त महासभा में सभी देशों से योग दिवस को मनाने की बात कही थी।
21 जून ही क्यों
योग दिवस 2015 में पहली बार 21 जून को मनाया गया। इस तारीख को रखने का मुख्य कारण इसका उत्तरी गोलाद्र्ध का सबसे लंबा दिन होना है। इसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है। यही नहीं 2023 में योग दिवस की थीम भी वसुधैव कुटंबकम रखी गई है। जिसका अर्थ धरती ही परिवार होता है।