यूपी सरकार इस समय काफी एक्टिव मोड में है। इस साल के निकाय चुनावों का सकारात्मक परिणाम पाने के लिए राज्य में अपने कामों की गुणवत्ता परखी जा रही है। इसके लिए स्थानीय निकायों से पिछले 6 सालों का रिकॉर्ड मांगा जा रहा है। योगी सरकार ने 2017-18 से 2023-24 में हुए कामों की जानकारी मांगी है।
नगर निगम को 1 करोड़ से अधिक लागत के कामों की देनी होगी जानकारी
राज्य के शहरों में बेहतर विकास के लिए हर साल केंद्रीय और राज्य वित्त आयोग की ओर से भरपूर बजट पास किया जाता है। इसके बावजूद भी सरकार को विकास कार्य नहीं होने की जानकारी मिल रही है। इसलिए सरकार ने निकायों से जानकारी मांग उसकी जांच करने का फैसला लिया है। नगर निगम 1 करोड़ से अधिक व नगर परिषद और पंचायतों को 25 लाख से अधिक लागत के कामों की जानकारी देनी होगी।
सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर निकायों पर होगी कार्यवाही
एक तरफ राज्य सरकार प्रदेश की जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के निकाय के पास जनता पर खर्च होने इन पैसों का कोई हिसाब ही नहीं है। इसलिए शासन स्तर पर इनके कामों की जानकारी का पता लगाने का फैसला लिया गया है। निकायों से पूरी जानकारी मिलने के बाद इन्हें ऑनलाइन किया जाएगा। ताकि निकाय जब अगली बार पैसे की मांग की जाए तो उसके बारे में जवाब तलब किया जाए। अगर निकाय इस बारे में सूचना नहीं देंगे तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।