2023 Economic Crime Graph Rajasthan: साल 2023 की विदाई का समय आ गया है। यह साल राजस्थान के लिए 'आर्थिक अपराध' की दृष्टि से काफी चिंताजनक रहा है। राजस्थान में आर्थिक अपराध के मामले 17.22 फीसदी की दर से बढ़े हैं। न केवल लोग ल्कि पुलिस के लिए भी परेशानी का सबब है।
राजधानी जयपुर भी आर्थिक अपराध के लिहाज से देश में टॉप पर पहुंच चुकी है। पिछले दिनों जारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की साल 2022 की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। आंकड़े गवाही देते हैं कि राजस्थान आर्थिक अपराध के लिहाज से लगातार तीन साल से देश में टॉप पॉजिशन पर बना हुआ है।
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आर्थिक अपराध क्या है?
ठगी, चीटिंग और फ्रॉड आर्थिक अपराध की श्रेणी में आते हैं। इनमें बैंक, एटीएम, डेबिट कार्ड-क्रेडिट कार्ड और यूपीआई से जुड़े फ्रॉड भी शामिल है। दस्तावेजों की जालसाजी, जाली नोट से जुड़े मामले, जाली स्टाम्प से जुड़े मामले और रुपये के लेन-देन व प्रॉपर्टी के मामलों में दगाबाजी भी इसमें आती है। इस तरह के मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा-406 से 409, 231 से 243, 255, 489ए से 489ई और 420, 465, 468 व 471 के तहत कार्यवाही होती है।
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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े –
National Crime Records Bureau के आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में साल 2022 में आर्थिक अपराध के 27,848 केस सामने आये। साल 2021 में ऐसे 23,757 और 2020 में 18,528 मुकदमे थे। 2021 के मुकाबले 2022 में प्रदेश में आर्थिक अपराध का आंकड़ा 17.22 फीसदी बढ़ा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा आर्थिक अपराध की घटनाएं देश के टॉप शहरों में जयपुर, लखनऊ और पटना में दर्ज हुए है।