जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को होने जा रहे हैं, लेकिन इससे पहले बड़े फेरबदल और चौंकाने वाले घटनाक्रम सामने आ रहे हैं। टिकट नहीं मिलने से कई बागी मैदान में उतर गए हैं, तो कई ने निर्दलीय ताल ठोक दी है। तो कहीं पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिए जा रहे है। राजस्थान विधानसभा में कई सीटों पर पेंच में फंसी कांग्रेस बीजेपी दोनों बड़े दलों में सबसे ज्यादा मुसीबतें भाजपा में देखी जा रही है।
मेवाड़ चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट की बात करें तो यहां बीजेपी के लिए बड़ी मुसीबत सामने आ सकती है। यह वही सीट हैं जहां कई दिनों से बीजेपी में घमासान चल रहा है। ऐसे में चित्तौड़गढ़ में बगावत के सुरों की गूंज सुनाई दे रही है। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ विधानसभा से बीजेपी का टिकट नहीं मिलने से खफा चंद्रभान सिंह आक्या की बगावत लगातार जारी है। इसको लेकर उन्होंने बीती रात करीब 35 भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सामूहिक रूप से दिए गए इस्तीफे के बाद चंद्रभान सिंह अब खुलकर चुनाव मैदान में डट गए हैं। इसको लेकर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए अपने इस्तीफे दिखाए।
बता दें कि भाजपा ने इस बार चंद्रभान सिंह का टिकट काटकर नरपत सिंह राजवी को दिया है। इसको लेकर चित्तौड़गढ़ में भाजपा के बीच जमकर बवाल और प्रदर्शन देखने को मिल रहे है। इनमें विधायक, पूर्व यूआईटी चेयरमैन, नगर पालिका पूर्व सभापति, पूर्व प्रधान, मंडलों के अध्यक्ष, जिला मंत्री, महामंत्री, कोषाध्यक्ष सहित अन्य पार्टी के मुख्य पदों पर बैठे नेता शामिल हैं। सभी पार्टी के निर्णय से नाराज चल रहे थे। इस्तीफे के बाद आक्या ने कहा कि अभी किसी प्रकार की नई पार्टी की घोषणा नहीं है, निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं। जो भी सरकार बनाएंगे उनको समर्थन देंगे। इस बीच चंद्रभान सिंह भावुक हो उठे। उन्होनें कहा कि यह आम जनता वर्सेस पार्टी की लड़ाई है।
चंद्रभान सिंह ने दावा किया है कि भाजपा प्रत्याशी की जमानत जब्त होगी। यहां चुनाव केवल कांग्रेस और चंद्रभान सिंह के बीच ही होगा। जिसमें जीत हमें मिलेगी। उन्होंने ऐलान किया है कि जीतने के बाद वह उस दल को समर्थन देंगे। जो राजस्थान में सरकार बनाएगी। इस दौरान उन्होंने नरपत सिंह राजवी का नाम लिए बगैर उन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह नेता 15 सालों तक क्षेत्र से दूर रहे। कभी जनता के बीच में आते नहीं, कभी जनता का फोन उठाते नहीं और यहां जब आए तो उल्टा जनता को ही धमकाया कि सबको देख लूंगा। ऐसे में सवाल उठाते हुए कहा कि इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कैसे जीतेंगे?
आक्या अब बीजेपी पार्टी को कटघरें में करने के लिए एक ओर प्रेस कांफ्रेंस कर बड़ा खुलासा करने का दावा कर रहे है। बहरहाल चित्तौड़गढ़ में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा। यहां बीजेपी से नरपत सिंह राजवी, कांग्रेस से सुरेंद्र सिंह जाड़ावत और निर्दलीय से चंद्रभान सिंह आक्या मजबूत दावेदार है। आक्या के साथ लोगों का भाव इस कदर जुड़ा है कि भूमि विकास बैंक के चेयरमैन बद्रीलाल जाट ने तो अपनी पगड़ी उतारकर प्रण लिया। और कहा कि आक्या जीत कर आएगें उस दिन सांवलिया जी में जाकर वह अपनी पगड़ी को फिर से धारण करेंगे।
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