प्रदेशभर के पेट्रोल पंप पर सरकारी महकमें के वाहन उधार पेट्रोल भरवाते हैं। पूरे साल भर तक सरकारी विभाग इन पेट्रोल पंप पर भुगतान नहीं करते हैं। इनसे तंग आकर राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने सरकारी महकमें के वाहनों में पेट्रोल भरने से मना कर दिया है। अब तक पेट्रोल पंप पर इन वाहनों के पेट्रोल की उधारी का आंकड़ा 400 करोड़ रुपए पार कर चुका है।
5 मई से उधारी बंद
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने का कहना है कि कई बार राज्य सरकार से उधारी दिलवाने के लिए आग्रह किया जा चुका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसी के चलते राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए 5 मई से प्रदेश में सरकारी वाहनों को उधारी का पेट्राल-डीजल नहीं देने का फैसला किया है।
रेट ज्यादा होने के कारण अन्य राज्यों से भरवाते पेट्रोल
प्रदेश के कई पेट्रोल पंप से सरकारी वाहनों में पेट्रोल-डीजल डाला जाता है। इनमें नगर निगम, नगर परिषद और पालिकाओं की उधारी सबसे अधिक है। वहीं राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सर्वे के मुताबिक राजस्थान में रेट ज्यादा होने के कारण अन्य प्रदेशों से डीजल-पेट्रोल भरवाना पंसद करते है जिसके चलते पंजाब, हरियाणा और गुजरात आदि के बॉर्डर से जुड़े करीब 240 पंप बंद हो चुके हैं। खबरों के अनुसार उत्तर भारत में सबसे अधिक वैट राजस्थान में है।