जयपुर। 8 March Women Day 2024 : पूरी दुनिया में 8 मार्च को महिलाओं के सम्मान में विश्व महिला दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर मॉर्निंग न्यूज इंडिया आपको राजस्थान की उन महिलाओं के बारे में रोचक बातें बता रहा है जिन्होंने अपने दम पर शानदार कॅरियर बनाते हुए खुद का ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान का विश्व स्तर पर मान बढ़ाया। इन्हीं महिलाओं में से एक वसुंधरा राजे सिंधिया, जिनका जन्मदिन (Vasundhara Raje Birthday 8 March) भी 8 मार्च को ही आता है। वसुंधरा राजे ग्वालियर राजघराने की पुत्री और धौलपुर की महारानी हैं जिन्होंने राजनीति में अपना शानदार कॅरियर बनाया और राजस्थान की पहली व 2 मुख्यमंत्री बनकर राज्य का मान बढ़ाया। हालांकि, वसुंधरा राजे सिंधिया के लिए यह मुकाम हासिल करना आसान नहीं था, लेकिन कैसे उन्होंने यह सब किया आइए जानते हैं:—
वसुंधरा राजे बनीं राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री
आपको बता दें कि राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव धौलपुर की महारानी वसुन्धरा राजे सिंधिया को ही प्राप्त हुआ और वो 2 बार मुख्यमंत्री रही हैं। वसुन्धरा राजे ग्वालियर राजघराने की पुत्री हैं जिनका जन्म 8 मार्च 1953 को मुम्बई में हुआ था। उनके पिता का नाम जीवाजीराव सिन्धिया और माँ का नाम विजया राजे सिन्धिया है। वसुंधरा राजे का विवाह धौलपुर के जाट राजघराने में हुआ।
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चुनावों में हार के साथ शुरू हुआ वसुंधरा राजे का राजनीतिक सफर
आपको बता दें कि वसुन्धरा राजे (Vasundhara Raje Scindia) का राजनीतिक कॅरियर पहले चुनाव में ही हार के साथ शुरू हुआ था, लेकिन इसके बाद उन्होंने वो रफ्तार पकड़ी कि लोग देखते रह गए। दरअसल, उन्होंने अपने जीवन का पहला चुनाव 1984 मे मध्यप्रदेश के भिडं लोकसभा क्षेत्र से लड़ा था जिसमे उनकी हार हुई थी। उस समय पूरे देश में इंदिरा गांधी की हत्या की वज़ह से काग्रेस के पक्ष मे सहानुभूति लहर चल पड़ी थी जिसका फायदा उठा कांग्रेस के उम्मीदवार कॄष्णा सिंह ने राजे को लगभग 88000 वोटों से मात दी थी। इसके बाद राजे को 1984 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया। फिर 1985-87 के बीच वो बीजेपी युवा मोर्चा राजस्थान की उपाध्यक्ष रहीं। वसुंधरा राजे को 1987 में राजस्थान प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद 1998-1999 में उनको अटलबिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में विदेश राज्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद फिर उन्हें अक्टूबर 1999 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर स्वतंत्र प्रभार की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद उन्हें राजस्थान में भाजपा राज्य इकाई का अध्यक्ष बनी। इसके बाद 2013 में उन्होंने सुराज संकल्प यात्रा निकाली और अशोक गहलोत को हराकर मुख्यमंत्री बनी| इसके बाद 2018 में एकबार फिर वंसुधरा राजे ने ‘राजस्थान गौरव यात्रा’ निकाली और अशोक गहलोत को हराकर दूसरी बार मुख्यमंत्री बनीं।
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6 बार विधायक रह चुकी हैं वसुंधरा राजे
- वसुंधरा राजे 6 बार बार राजस्थान विधान सभा की सदस्य रह चुकी है जो कार्यक्राल इस प्रकार है—
- 1985-90 में 8वीं राजस्थान विधान सभा धौलपुर से
- 2003-08 में 12वीं राजस्थान विधान सभा में झालरापाटन से।
- 2008-13 में 13वीं राजस्थान विधान सभा झालरापाटन से।
- 2013 में 14वीं राजस्थान विधान सभा झालरापाटन से।
- 2018 में 15वीं राजस्थान विधान सभा झालरापाटन से।
- 2023 में 16वीं राजस्थान विधान सभा झालरापाटन से।
5 बार लोकसभा सांसद रह चुकी हैं वसुंधरा राजे सिंधिया
आपको बता दें कि वसुंधरा राजे सिंधिया 6 बार राजस्थान की विधानसभा की विधायक रहने के साथ ही 5 बार लोकसभा सदस्य भी रह चुकी हैं। लोकसभा में वसुंधरा राजे का कार्यकाल इस प्रकार रहा—
- 1989-91 : 9वीं लोक सभा सदस्या
- 1991-96 : 10वीं लोक सभा सदस्या
- 1996-98 : 11वीं लोक सभा सदस्या
- 1998-99 : 12वीं लोक सभा सदस्या
- 1999-03 : 13वीं लोक सभा सदस्या