कोटा में एक होस्टल और मशहूर कोचिंग संचालक की बड़ी लापरवाही आई सामने आई है। कोटा में नीट की तैयारी करने आई नाबालिग पढ़ाई के दौरान प्रेग्नेंट हो गई। 16 वर्षीय लड़की की जेकेलोन अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी हुई। इस नाबालिग ने बच्ची को जन्म दिया। खबरों के मुताबिक जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है। लड़की के माता-पिता ने बच्ची को बाल कल्याण समिति को सौपने का फैसला लिया है।
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नाम बदलकर कराया अस्पताल में भर्ती
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक छात्रा कोटा में कुन्हाड़ी लेण्डमार्क सिटी स्थित होस्टल में 2 माह से रह रही थी। एमपी की रहने वाली 16 साल की लड़की नीट की तैयारी कर रही थी। सोमवार को उसने अपने माता-पिता से पेट दर्द की शिकायत की। परिजन उसे इलाज के लिए अस्पताल लेकर गए। जांच में सामने आया कि लड़की साढ़े 8 माह के गर्भ से है। इसके बाद उसे जेकेलोन अस्पताल के लेबर रुम में भर्ती कराया गया। वहां 16 वर्षीय नाबालिग ने बच्ची को जन्म दिया। सूत्रों के मुताबिक परिजनों ने लड़की का नाम बदलकर अस्पताल में भर्ती कराया था। फिलहाल लड़की के परिजनों की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया है। कुन्हाड़ी थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
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नाबालिग के गर्भवती होने की सूचना मिलने पर कोटा बाल कल्याण समिति की टीम अस्पताल पहुंची। पूर्व में तो लड़की के परिजनों ने इस बारे में जानकारी देने मना कर दिया था। उसके बाद बाल कल्याण समिति कोटा के रोस्टर सदस्य विमल चंद जैन, बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक डॉ अजीत शर्मा, संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा, काउंसलर आरती जोशी शिशु ग्रह मैनेजर हिना जेठी, आउटरीच वर्कर संजय मेहरा जेकेलोन चिकित्सालय में एक बालिका के द्वारा जन्म देने पर अस्पताल पर पहुंचे। वहां टीम के सभी सदस्यों सहित काउंसलर आरती जोशी ने परिजनों से बच्ची को सरेंडर करने के लिए बातचीत की। कुछ देर परिजनों से बात करने के बाद उन्होनें सरेंडर करने के लिए सहमति जताई। जिस पर रोस्टर सदस्य विमल चंद जैन के सम्मुख पूरी कार्रवाई करते हुए बच्ची के सरेंडर की कार्रवाई को पूर्ण किया गया।