पुष्कर- तीर्थ नगरी पुष्कर के निकटवर्ती तीर्थ स्थल सुधाबाय में स्थित गया कुंड में मंगलवार को मंगला चौथ पर स्नान के लिए अल सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी और श्रद्धालुओं ने पितरो की आत्मा शांति और प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए डुबकी लगाकर अपनी पीड़ा से मुक्ति पाई। ऐसी मान्यता है कि जब भी चौथ ओर मंगलवार का सहयोग होता है, तब गया माता साक्षात सुधाबाय में स्थित गयकुण्ड में निवास करती है। इसलिए हर चौथ मंगलवार को गया कुंड में मेला भरता है यहां पितृ आत्माओं की शांति के लिए श्रद्धालु पिंडदान तर्पण करते हैं, तो वहीं भूत प्रेत आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए गया कुंड में डुबकी लगाते हैं। इसलिए इसे भूत प्रेत का मेला भी कहते हैं। मंगलवार को अलसुबह से श्रदालुओ का आने का सिलसिला शुरू हो गया। काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने गया कुंड में आस्था की डुबकी लगाकर दान पुण्य किया।
प्रेत बाधा से मिलती है मुक्ति
गया कुंड में स्नान करने से प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है।महिला तथा पुरूषों के कुंड में स्नान करने पर आत्माएं स्वय बोलने लगती है। इसके साथ ही आत्माएं स्वयं ही शारीर से निकल जाने की सौगंध भी लेती है। और कुछ देर बात प्राणी सामान्य व्यवहार करने लगता है। जिस व्यक्ति के भीतर प्रेत आत्माएं होती है वह कुंड स्नान करते ही जोर जोर से चिल्लाना शुरू कर देता है। पुरोहित मंत्र बोलते है उसके बाद वह आत्मा उस शरीर को छोड़ देती है। लोग इसश् कुंड में आत्मा की शांति व प्रेत आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए दुर दुर से स्नान करने आते है।
यहां आने वाले लोग स्नान के साथ- साथ अपने पितरों की आत्म शांति के लिए पिंडदान तथा तर्पण करते है। कहते है जितना बोधगया तीर्थ में स्नान करने तथा पिंडदान करने से फल मिलता है उतना ही फल यहां स्नान करने तथा अपने पितरों को तर्पण करने से मिलता है। गया माता के स्वयं यहां कुंड में विराजमान होने के कारण इस दिन स्नान का विशेष महत्व होता है।