Sukhdev Singh Gogamedi Firing: जयपुर जिले के श्याम नगर थाना इलाके में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष 'सुखदेव सिंह गोगामेड़ी' पर जानलेवा हमला हुआ है। जिसके बाद उन्हें इलाके में स्तिथ मेट्रो मास अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। यहां उन्हें डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया। राजपूत समुदाय में गुस्से का माहौल है। हमले के बाद यकायक 'सुखदेव सिंह गोगामेड़ी' चर्चाओं में आ गए हैं। चलिए जानते है उनके बारे में पूरी जानकारी –
बीजेपी ने जब भैरोसिंह शेखावत (Bhairon Singh Shekhawat) को उपराष्ट्रपति बनाकर दिल्ली भेजा तो Vasundhara Raje को नेता बना दिया। 'जाट राजघराने की महारानी' और 'राजपूत की बेटी' के नाम से सियासी नारा दिया गया। यह वही समय था जब भाजपा नेता देवी सिंह भाटी और लोकेंद्र सिंह कालवी ने अगड़ों को आरक्षण और पिछड़ों को संरक्षण देने के नाम पर एक मंच तैयार किया। इस मंच के तहत राजनीतिक पार्टी बनाकर राजपूतों ने चुनाव लड़ा।
राजपूतों का यह दांव 'वसुंधरा राजे' और 'प्रमोद महाजन' की रणनीति के आगे फेल हो गया। सभी राजपूत 'सामाजिक न्याय मंच' को छोड़कर भाजपाकी तरफ चले गए। चुनाव में राजपूत मंच को सिर्फ एक सीट ही नसीब हुई। मंच के तहत 'देवी सिंह भाटी' चुनाव जीत गए लेकिन बाद में वे भी भाजपा में चले गए।
राजपूतों का यह दांव 'वसुंधरा राजे' और 'प्रमोद महाजन' की रणनीति के आगे फेल हो गया। सभी राजपूत 'सामाजिक न्याय मंच' को छोड़कर भाजपाकी तरफ चले गए। चुनाव में राजपूत मंच को सिर्फ एक सीट ही नसीब हुई। मंच के तहत 'देवी सिंह भाटी' चुनाव जीत गए लेकिन बाद में वे भी भाजपा में चले गए।
'सामाजिक न्याय मंच' के फेल होने के बाद 'राजपूतों को आरक्षण' दिलाने के नाम पर 23 दिसंबर 2006 में करणी सेना का जन्म हुआ। करणी सेना के लोग आंदोलन समेत कई अलग-अलग मुद्दों पर आंदोलन करते रहे, लेकिन उन्हें किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।