जयपुर। राजस्थान ईस्टर्न कैनान परियोजना को लेकर राजस्थान में सियासत चरम पर है। भाजपा कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही है। इस परियोजना की शुरूआत करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस परियोजना से दूरी बनाई हुई है। ईआरसीपी परियोजना चर चल रही सियासत से राजे ने खुद को दुर किया हुआ है। ईआरसीपी योजना पर गहलोत सरकार की और से की जा रही बयान बाजी पर राजे की और से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है।
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चुनावी साल में सबसे बड़ा मुद्दा ईआरसीपी
कांग्रेस के द्वारा ईआसीपी परियोजना को लेकर कई आरोप लगाए गए जिसका जवाब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने दिया, लेकिन इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कही भी नजर नहीं आई। चुनावी साल में सबसे बड़ा मुद्दा ईआरसीपी परियोजना बना हुआ है। भाजपा और कांग्रेस की जीत में यह रोड़ा अटका सकता है।
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अब तक हुए करोड़ों रूपये खर्च
2017 में वसुंधरा सरकार ने ईआरसीपी योजना को तैयार किया था। जिसे केंद्र सरकार के पास जाचं के लिए भेजा गया। संशोधन के लिए राज्य सरकार के पास वापस भेज दिया गया। सत्ता पलट होने के बाद सीएम गहलोत ने परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग उठाई। वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में इस योजना पर 1000 करोड़ रूपये खर्च किए गए जबकी गहलोत सरकार ने इस योजना पर 700 करोड़ रूपये खर्च किए है। इसके साथ ही इस योजना को लेकर 13800 करोड़ रूपये के कार्य करवाने की घोषणा भी की जा चुकी है। इस परियोजना को लेकर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे पर आरोप लगाती हुई आई है।