जयपुर। भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले खतरनाक दांव चल दिया है। भाजपा के इस दांव का कांग्रेस पार्टी या गहलोत सरकार के पास शायद ही कोई तोड़ हो। क्योंकि भाजपा ने केंद्र अर्जुनराम मेघवाल को केंद्रिय कानून मंत्री बनाया है। यह खबर सामने आते ही बीकानेर जिले में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं, अंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस के लिए संकट खड़ हो गया।
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भारतीय प्रशासनिक सेवा में रह चुके हैं मेघवाल
आपको बता दें कि अर्जुन राम मेघवाल का चयन 1982 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ था। इसके बाद प्रदेश में अलग-अलग पदों पर रहते हुए नौकरी की। राजस्थान में उपमुख्यमंत्री हरिशंकर भाभा के ओएसडी के रूप में कार्य करने से अर्जुनराम मेघवाल ब्यूरोक्रेसी में लाइम लाइट में आए। इसके बाद आरएएस से पदोन्नत होकर चूरू के जिला कलक्टर के रूप में सेवाएं दी। साल 2009 के चुनाव से पहले मतदाता सूची में गड़बड़ी का मामला उछला। तब वह प्रशासनिक सेवा छोड़कर राजनीति में आने की सोच रहे थे।
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बीकानेर में दौड़ी ख़ुशी की लहर
पहले अर्जुनराम मेघवाल को लेकर कांग्रेस में जाने की अटकलें लग रही थी लेकिन बताते है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मतदाता सूची मामले में नाम घसीटने से संबंध बिगड़ गए। इसके बाद वीआरएस लेकर राजनीति में उतरे और पहला चुनाव बीकानेर लोकसभा से 2009 में लड़ा। यह चुनाव जीते और पांच साल सांसद के रूप में अर्जुनराम मेघवाल ने कार्यकाल पूरा किया।
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मोदी सरकार ने बढ़ाया कद
इसके बाद 2014 में नरेनद्र मोदी के नेतृत्व में फिर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत गए। मोदी का यह पहला कार्यकाल था, अर्जुनराम को सरकार बनने के कुछ समय बाद पहले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिल गई। इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में तीसरी बार बीकानेर से चुनाव जीते। तीनों ही चुनावों में अर्जुनराम ने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी को बड़े अंतर से हराया।