- कांग्रेस ले रही विधानसभा क्षेत्रों में जाकर फीडबैक
- पायलट और गहलोत को मिलेगी बराबर तवज्जो!
Ashok Gehlot vs Sachin Pilot: राजस्थान में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। लेकिन इन सब के बाबजूद लोगों के मन में एक ही सवाल है कि टिकट बंटवारे में सीएम अशोक गहलोत की मर्जी चलेगी या फिर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की। यह सवाल अभी तक गुत्थी बना हुआ हैं लेकिन पायलट की तरफ से कोई विरोधाभास न होते देख माना जा रहा है कि सब कुछ ठीक है। गौरतलब है कि जब से सचिन पायलट ने दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान के साथ बैठक की है, तब से वह काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस ले रही विधानसभा क्षेत्रों में जाकर फीडबैक
(Congress feedback Assembly constituencies)
प्रदेश में विधानसभा चुनावों की नजदीकी देखते हुए कांग्रेस पार्टी काफी सक्रिय हो चुकी है। पार्टी ने हर विधनसभा क्षेत्रों में जाकर जनता का फीडबैक लेने का काम शुरू कर दिया हैं। कांग्रेस के पर्यवेक्षकों की ओर से विधानसभा क्षेत्र में दौरे किये जा रहे है। इस तरह से परखने का प्रयास किया जा रहा है कि किस क्षेत्र में कौनसा उम्मीदवार मजबूत रहेगा ताकि उसे आगामी चुनावों में कैंडिडेट बनाया जा सके। ऐसे में कई मौजूदा विधायकों के टिकट कटने की संभावना भी है।
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पायलट और गहलोत को मिलेगी बराबर तवज्जो!
सियासी गलियारों में चर्चा तेज हैं कि टिकट वितरण में अशोक गहलोत और सचिन पायलट में से किसे अधिक तवज्जो दी जायेगी। कयास ये हैं कि टिकट वितरण में दोनों ही नेताओं की भूमिका बराबर रखी जायेगी। विश्लेषकों का मानना हैं कि यदि पायलट को महत्व नहीं दिया जा रहा होता तो उनका गुट शांत नहीं रहता। वहीं, सीएम गहलोत भी यह अच्छी तरह जानते है कि जिसके पक्ष में चुनाव परिणाम बेहतर आएंगे, उसकी सरकार में भूमिका बढ़ने वाली है।
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