- परीक्षाओं में सुरक्षा व्यवस्था होगी अधिक सुदृढ़
- सीएम गहलोत ने दी 27.78 करोड़ के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी
- परीक्षा के दौरान लिए जाएंगे बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट
राजस्थान में पेपर लीक से घिरी सरकार ने आगामी चुनावों को देखते हुए प्लानिंग की है। युवा वर्ग को टारगेट करते हुए सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल की रोकथाम के लिए कदम उठाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए वित्तीय प्रस्ताव का अनुमोदन दिया है।
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परीक्षाओं में सुरक्षा व्यवस्था होगी सुदृढ़
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल की रोकथाम के लिए सुरक्षा व्यवस्था में नवीनतम तकनीकों का समावेश करते हुए और सुदृढ़ किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री Ashok Gehlot ने 27.78 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
परीक्षा के दौरान लिए जाएंगे बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट
सीएम गहलोत के इस प्रस्ताव के अनुसार प्रतियोगी परीक्षाओं में उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट और फेस स्केन किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। इसके लिए सरकार की ओर से फिंगरप्रिंट बायोमेट्रिक और चेहरे को कैप्चर करने के लिए 13.78 करोड़ रुपए, सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए 6.55 करोड़ रुपए और हैण्ड हेल्ड मेटल डिटेक्टर (एचएचएमडी) के लिए 7.35 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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बता दें कि राज्य सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं के सफल संचालन के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा नकल की रोकथाम के लिए राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम लाया गया है। इसमें नकल में संलिप्त अभ्यर्थियों को आजीवन प्रतिबंधित तथा उनकी सम्पत्ति को ध्वस्त करने सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं।