राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार पर रोक लगाने की मांग की है। गहलोत ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव में धार्मिक हिसाब से कोई भी बात की जाए तो उसके चुनावी कैंपेन पर रोक लगानी चाहिए। सीएम गहलोत ने इलेक्शन कमीशन से पीएम के चुनाव प्रचार पर रोक लगाने की मांग की है। यह मांग पीएम के बजरंग बली को लेकर धार्मिक बयानबाजी के चलते की गई है।
गहलोत ने याद दिलाया पूर्वजों का किस्सा
अशोक गहलोत ने इस तरह की धार्मिक बयानबाजी का एक पुराना किस्सा याद दिलाते हुए कहा कि पहले भी ऐसी हरकत करने पर नेताओं को नुकसान भुगतना पड़ा था। उन्होनें कहा भैरोसिंह शेखावत गंगानगर और पाली से खड़े हुए थे लेकिन गंगानगर में राम मंदिर को लेकर बयानबाजी की तो उन्हें वहां हार का सामना करना पड़ा। इस बात से भैरोसिंह शेखावत की मेंबरशिप भी खतरे में पड़ चुकी थी। किसी तरह गवाह को अपने पक्ष में करने के बाद वो बच गए।
गहलोत ने की ईमानदारी की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के बजरंग दल को बैन करने वाली बात पर जवाब देते हुए कहा कि कर्नाटक की जनता जब पोलिंग बूथ पर जाओ तो जय बजरंग बली बोलकर इन्हें सजा दे देना। पीएम मोदी के इसी तरह की धार्मिक बात पर गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री खुलकर इस तरह की बात कर रहे है। चुनाव आयोग के हिसाब से अगर कोई धार्मिक हिसाब से बात करें तो उस पर रोक लगाकर चुनाव खारिज किया जाता है। चाहे तो कानून भी पढ़ सकते है। मैं आपको ईमानदारी की बात बता रहा हूं।
सीएम गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके परिवार के खिलाफ हत्या की साजिश पर भी बोले। उन्होनें बीजेपी नेता मणिकांत राठौड़ की वायरल ऑडियो क्लिप के बारे में कहा कि कोई भी नेता इतनी हिम्मत तभी कर सकता है जब उसे यकीन हो कि उसे बचा लिया जाएगा। उनकी ऐसी हरकत पर भी उन्हें सजा नहीं मिलेगी।