Phone Tapping Case : जयपुर। पूर्व सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। क्योंकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए फोन टैपिंग मामले में नया मोड आ गया है। पूर्व सीएम गहलोत के खास लोकेश शर्मा ने 3 अक्टूबर को दिल्ली क्राइम ब्रांच को सबूत सौंप दिए हैं। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने दावा किया है कि गहलोत ने ही उन्हें साल 2020 के सियासी संकट के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की कॉल रिकॉर्डिंग उपलब्ध करवाई थी। इसके साथ इसे मीडिया में प्रसारित करने के लिए कहा था। इसी वजह से पूर्व सीएम गहलोत बड़ी मुसीबत में फंस सकते है। आइए जानते है क्या है पूरा मामला?
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पूर्व ओएसडी ने सौंपे दिल्ली क्राइम ब्रांच को सबूत
बता दें कि पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने क्राइम ब्रांच दिल्ली को एक पेन ड्राइव, लैपटॉप और फोन सौंपा है। जानकारी के लिए बता दें कि 25 सितंबर को भी लोकेश शर्मा पूछताछ के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच के समक्ष मौजूद हुए थे। पूछताब में उन्होंने अपने बयान दर्ज करवाए थे। उन्होंने फोन टैपिंग की किसी भी बात से मना करते हुए कहा था कि इसके लिए जिम्मेदार पूर्व सीएम अशोक गहलोत हैं। उन्होंने 16 जुलाई 2020 को मुझे एक ऑडियो क्लिप दिए थे और वो मैंने मीडिया को दिए थे।
सर्विलांस पर लिए थे पायलट खैमें के विधायकों के फोन
साथ ही लोकेश शर्मा ने कहा था कि दिल्ली क्राइम ब्रांच को पूर्व सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से पूछताछ करनी चाहिए कि उन्होंने कानूनी रूप से या गैर कानूनी रूप से फोन टैप कैसे करवाए। इस मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच से पूछताछ तेज कर दी है। हालांकि यह आने वाला वक्त ही बतायेगा कि दिल्ली क्राइम ब्रांच पूर्व सीएम गहलोत से पूछताछ करती है या नहीं। पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा के अनुसार राजस्थान में सियासी संकट के समय अशोक गहलोत ने अपने खेमे और सचिन पायलट खैमें के विधायकों के फोन सर्विलांस पर लिए थे। सियासी संकट के बीच रोजाना इस बात की जानकारी उनके पास आती थी कि किस विधायक ने किससे क्या बातचीत की। इस षड्यंत्र में पूर्व सीएम के सेक्रेटरी रहे कुलदीप रांका सहित कई बड़े अधिकारी भी शामिल थे।
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