माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की शनिवार देर रात प्रयागराज में हत्या कर दी गई। मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाते समय तीन हमलावरों ने फायरिंग कर दोनों को मार दिया था। पोस्टमॉर्टम के बाद अतीक-अशरफ के शवों को कसारी-मसारी स्थित कब्रिस्तान में इस्लामिक रीति-रिवाज से दफना दिया गया है। दोनों के शवों को कब्रिस्तान अतीक के बहनोई और कुछ अन्य रिश्तेदार लेकर पहुंचे थे। यहां अतीक के दोनों छोटे बेटों को भी बाल सुधार गृह से लाया गया था। यहां पर अतीक के बेटे असद की भी कब्र है।
उसी के पास ही दोनों की कब्रें खुदवाई गई। यहां पर अशरफ की बेटी और पत्नी जैनब भी कब्रिस्तान में पहुंची थी। इस दौरान वहां पर सिर्फ कुछ चुनिंदा रिश्तेदारों को ही जाने दिया गया था। यहां भी कब्रिस्तान से करीब 300 मीटर दूरी पर सभी को रोक दिया गया था। पुलिस ने मीडियाकर्मियों को कब्रिस्तान के बाहर तक ही जाने दिया। फिर भी उनके नाम और मोबाइल नंबर नोट किए गए थे। सारे मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे शहर में जगह-जगह फोर्स को तैनात किया गया है।
मीडियाकर्मी बनकर आए तीनों हमलावरों को मौके पर से ही गिरफ्तार कर लिया गया था। जिनके नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य बताए गए हैं। हमले के बाद ही तीनों ने सरेंडर भी कर दिया था। अरुण कासगंज, लवलेश बांदा, और सनी हमीरपुर का है। उनसे हथियार भी बरामद कर लिए गए हैं। इस हमले में पुलिस कॉन्स्टेबल मानसिंह को भी गोली लगी थी। गुलाब चंद्र अग्रहरी सरकारी वकील ने बताया कि तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। जिसके लिए उन्हें नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। इस जेल में ही अतीक का बेटा अली भी कैद है।
मामले की जांच के लिए यूपी गृह विभाग ने 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। यह आयोग 2 महीने में मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगा। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी आयोग को लीड करेंगे। रिटायर्ड डीजीपी सुबेश सिंह, जिला कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बृजेश कुमार सोनी भी इसमें शामिल हैं। हमले के दौरान शूटर लवलेश तिवारी को भी गोली लगने की बात कही जा रही है।