जयपुर। आज से 350 साल पहले राजस्थान के भिवाड़ी में चमत्कार हुआ था जिसकी याद में आज भी बाबा मोहनराम काली खोली मेला लगता है। यह मेला होली और रक्षाबंधन की दौज पर विशेषरूप से भरता है। हालांकि हर माह की दोज को भी baba mohan ram kali kholi mela लगता है। भिवाड़ी को बाबा मोहनराम काली खोली की तपोभूमि कहा जाता है। इस मेले में उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली से श्रद्धालु आते हैं।
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350 साल पहले हुआ था चमत्कार (Baba mohan ram ji ki aarti)
बताया जाता है कि करीब 350 साल पहले मिलकपुर गांव में रहने वाले नन्दू भगत को बाबा मोहनराम काली खोली ने दर्शन दिए थे। दर्शन देने के बाद बाबा मोहनराम (Baba Mohan Ram) ने नन्दू भगत (Nandu Bhagat) को वचन दिया कि वो प्राणीमात्र की सभी समस्याओं में उनकी सेवा करेंगे तथा उनके द्वारा कहे गए वचनों को पूरा करेंगे। बाबा का यह यह आशीर्वाद नंदू भगत के वंशजों पर भी बना रहेगा। इसके बाद नन्दू भगत ने काली खोली बाबा के प्रकट होने वाले स्थान पर ज्योत जलाई। इतना ही नहीं बल्कि मिलकपुर स्थित जोहड़ की पाल पर कुटिया बनाकर बाबा मोहनराम की भक्ति करने लगे।
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जलती है बाबा मोहनराम की अखंड ज्योति (Baba mohan ram ji ke bhajan )
उसी समय से आज तक मिलकपुर में बाबा मोहनराम के पूजास्थल पर अखंड ज्योति (Baba Mohan Ram ki Puja Jyoti) जलने के साथ ही पूजा होती है। बाबा के मंदिर में श्रद्धालु भारी संख्या में श्रद्वालुू आते हैं। यहां पर भिवाड़ी क्षेत्र के अलावा दूर-दराज से भी श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं। अभी नंदू भगत की 7वीं पीढ़ी के वंशज मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी के रूप में यह काम संभाल रहे हैं।