Jhunjhunu by-election : झुंझुनूं। राजस्थान में होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। लेकिन इस ऐलान के बाद पार्टी के अंदर बगावत का माहौल बनता नजर आ रहा है। कई नेताओं ने टिकट न मिलने पर पार्टी के खिलाफ खुलकर विरोध जताना शुरू कर दिया है। आइए जानते हैं पूरी कहानी।
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उपचुनाव में बीजेपी में विरोध से सुर
बीजेपी ने दौसा, झुंझुनूं, रामगढ़, देवली उनियारा, खींवसर, और सलूंबर सीटों पर उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। लेकिन जैसे ही ये नाम सामने आए, पार्टी के भीतर बगावती सुर उठने लगे। झुंझुनूं सीट पर राजेंद्र भांबू को उम्मीदवार बनाया गया है, जिन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़कर तीसरा स्थान हासिल किया था। वहीं, इस फैसले के बाद 2023 विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी रहे बबलू चौधरी और उनके समर्थकों में नाराजगी बढ़ गई है। बबलू चौधरी, जो इसबार फिर से टिकट की उम्मीद कर रहे थे, टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बगावत पर उतर आए हैं। उन्होंने साफ कहा कि राजेंद्र भांबू को टिकट देने से पार्टी के कार्यकर्ता और उनके समर्थक बेहद नाराज हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, 100 से ज्यादा बूथ अध्यक्ष, प्रभारी और सुलताना मंडल की पूरी कार्यकारिणी ने भी अपने इस्तीफे पार्टी को भेज दिया हैं।
बबलू चौधरी ने किया निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान
सिर्फ इतना ही नहीं, बबलू चौधरी ने अब बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का बड़ा ऐलान कर दिया है। उनका कहना है कि वे 23 अक्टूबर को एक विशाल सभा के बाद अपना नामांकन दाखिल करेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बगावत का प्रभाव झुंझुनूं के उपचुनाव पर कितना पड़ता है। बता दें कि 2023 के विधानसभा चुनाव में बबलू चौधरी को 57,010 वोट मिले थे, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले राजेंद्र भांबू ने 41,855 वोट हासिल किए थे। उस चुनाव में कांग्रेस के बृजेन्द्र सिंह ओला ने 84,582 वोट पाकर जीत दर्ज की थी। ऐसे में बीजेपी के इस बगावती माहौल में उपचुनाव का परिणाम क्या होगा, यह देखने लायक होगा।
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