जयपुर के हवामहल से भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य हमेशा (Balmukund Acharya vs Mughal) अपने बयानों के लिए चर्चा में बने रहते है। हाल ही में उनका एक बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह मुगलों को लेकर अपनी राय रख रहे है। आचार्य ने कहा भारत में जितने भी बाहरी राजा आए थे, उन्होंने देश को लूटने के अलावा कुछ नहीं किया। इन लोगों की वजह से हमारे देश में कई परंपराएं भी बदलनी पड़ी है।
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डर के कारण रात में फेरे होंने लगे
पहले भारत में सूर्य को साक्षी मानकर फेरे हुआ करते थे, लेकिन जब से मुगलों ने भारत पर आक्रमण किया है तब से दिन में शादी और फेरे की रस्म होना बंद हो गई है। (Balmukund Acharya vs Mughal) क्योंकि मुगल हिंदू बहन-बेटियों को उठाकर ले जाते थे, इसलिए उनके डर के कारण छुपाकर रात में फेरे लेने की रस्म शुरू की गई।
मुगल आतंकवादी थे
स्कूलों के सिलेबस से मुगल शासकों को लेकर महान जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है तो उसे हटाने का भी ऐलान किया है। बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि मुगल आतंकवादी थे, (Balmukund Acharya vs Mughal) भारत में लूट और हिंसा करने के लिए आते थे। ऐसे में इनको महान बताना बहुत गलत है। इन लोगों की तो चर्चा भी नहीं होनी चाहिए और सिलेबस में इनको पढ़ाना गलत है।
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सिलेबस से हटा देना चाहिए
आचार्य ने कहा प्रताप और शिवाजी महान हैं, जिन्होंने मातृभूमि को बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान तक दे दिया। हमारे देश में कुछ लोग बाबर को, तो कोई अकबर को महान बताने में लगा है लेकिन इतिहास देखते हैं तो पता चलता है कि इन्होंने भारत को लूटने के अलावा कुछ नहीं किया। (Balmukund Acharya vs Mughal) इसलिए मुगलों से जुड़ा इतिहास स्कूलों के सिलेबस से हमेशा के लिए हटा देना चाहिए। मुगलों का इतिहास बहुत गंदा था जिसमें बेटे ने पिता को जेल में डाल दिया और राज किया। वे अत्याचारी और लूटपाट करने वाले थे। सिलेबस में ऐसे अत्याचारियों का होना गलत है।