मजबूत और टिकाऊ होती है गोबर की चूड़ियां
चूड़ियों की कीमत 50 से 500 रुपये तक
जयपुर। राजस्थानी संस्कृति में चूड़ियों को सुहाग की निशानी माना जाता है। विवाहित स्त्रियों के हाथों में चूड़ियां बहुत सुंदर लगती है। रंग-बिंरगी चूड़ियां स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति को भी बढ़ाती है। वैसे तो राजस्थान में लाख की चूड़ियों की खूब डिमांड है। मार्केट में मेटल की, कांच की और भी कई तरह की चूड़ियां मिलती है, लेकिन जयपुर में एक ऐसी जगह है जहां पर गोबर से चूड़ियां बनाई जाती है और महिलाओं को बहुत ज्यादा पसंद भी आ रही है।
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मजबूत और टिकाऊ होती है गोबर की चूड़ियां
जयपुर की पिंजरापोल गौशाला में गोबर से बनी चूड़ियां इन दिनों बहुत ही पसंद की जा रही है। दिखने में ये चूड़ियों कांच की या अन्य चूड़ियों की तरह ही आकर्षक होती है। इनकी खासियत यह है कि ये सुंदर तो है ही साथ ही मजबूत होती है, जो जल्दी नहीं टूटती और लंबे समय तक चलती है। अगर आप भी इन चूड़ियों को खरीदना चाहते हैं तो जयपुर के मार्केट में ये चूड़ियां आसानी से उपलब्ध हैं।
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चूड़ियों की कीमत 50 से 500 रुपये तक
इस सावन में गोबर की चूड़ियों की खूब बिक्री हुई है। अब गोबर से बनी चूड़ियों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। अगर इनकी कीमत की बात करें तो यह बहुत ही सस्ती है। इन चूड़ियों की कीमत 50 से 500 रुपये तक है। इनमें लाख, चमकीले मोती और नग का इस्तेमाल होता है। इनकी चमक लंबे समय तक बरकरार रहती है। इन चूड़ियों को बनाने में 50 प्रतिशत गाय का गोबर और अन्य तत्वों को मिलाया जाता है।