Barmer Lok Sabha seat 2024: राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पश्चिमी राजस्थान में जबरदस्त ‘सियासी खिचड़ी’ देखने को मिल रही है। बीजेपी सर्मथित निदर्लयी विधायक अभी भी अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं और इसके कारण हर दिन नए समीकरण बनते हुए दिख रहे हैं। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शर्मा भी लगातार बात कर रहे हैं और इसके बाद भी बात नहीं बन पा रही है।
भाटी पर भारी पड़े स्वरूपसिंह खारा
पीएचईडी का एक आदेश तेजी से वायरल हो रहा है और जिसमें पश्चिमी राजस्थान की 9 विधानसभाओं के लिए हैडपंप की स्वीकृति को लेकर है। इसमें शिव विधानसभा का दो बार नाम है और अन्य का एक बार ही नाम है। शिव विधानसभा से बीजेपी के प्रत्याशी स्वरूपसिंह खारा की डिजायर पर 20 हैडपंप स्वीकृत किए गए हैं और वहीं रविंद्रसिंह भाटी की डिजायर पर 2 हैडपंप स्वीकृत हुए हैं।
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मुख्यमंत्री ने भाटी को मनाया
लोकसभा चुनाव में बीजेपी किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहती है और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविंद्रसिंह को मनाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। भाटी ने कहा कि ‘मैं जनता से पूछकर ही कोई फैसला लूंगा.’ हैंडपंप को लेकर भाटी के समर्थक उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं।
मानवेंद्र सिंह जसोल की वापसी बीजेपी का दामन
मानवेंद्र सिंह जसोल बीजेपी के साथ जाने का मन बना लिया है और कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले सुनील परिहार के कारण मानवेंद्र सिंह जसोल विधानसभा में तीसरे नंबर पर रहे थे। लेकिन जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव के बाद सुनील परिहार को निष्कासित किया और अब वापस लेने के साथ ही मानवेंद्र सिंह जसोल ने सोशल मीडियापर लिखा कि निष्कासन के बाद 6 वर्ष की अवधि काफी जल्दी बीत गई।
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सीएम से हुई मुलाकात
मानवेंद्र कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दमन थाम लेंगे और यह बात लंबे समय से चह रही है। मुख्यमंत्री शर्मा के साथ भी जसोल की निजी होटल में मुलाकात हुई थी और इसके बाद कयास लगाए जाने लगे की उनकी घर वापसी जल्द हो सकती है।
कैलाश चौधरी का बढ़ता इंतजार
भाटी अगर चुनाव लड़ने का फैसला करते है तो सबसे ज्यादा नुकसान कैलाश चौधरी को होगा। लेकिन बीजेपी लगातार भाटी को लेकर बातचीत करने में लगी है और वह अपने साथ लाकर कैलाश चौधरी की राह आसान बनाने का काम करेगी।