माघ पूर्णिमा पर हर साल आदिवासियों का प्रयाग कहे जाने वाले डूंगरपुर जिले के (Beneshwar Dham Mela 2024) बेणेश्वर धाम मुख्य मेला भरता है। मुख्य मेले के दिन श्रद्धा का ज्वार उमड़ पड़ता है और इसको आदिवासियों का कुंभ भी कहा जाता है। श्रद्धालु सोम माही और जाखम नदी के त्रिवेणी में माघ पूर्णिमा पर तर्पण-अर्पण करने दूर दूर से आते है।
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हर साल डूंगरपुर जिले के बेणेश्वर धाम पर प्रतिवर्ष बेणेश्वर मेले का आयोजन किया जाता है। (Beneshwar Dham Mela 2024) आदिवासियों द्वारा अपने दिवंगतों की अस्थियों का विसर्जन करते है। राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश से श्रद्धालु बड़ी संख्या में बेणेश्वर पहुंचते है।
आस्था की डुबकी
सोम, माही और जाखम नदी के त्रिवेणी संगम में तर्पण अर्पण करते हुए आस्था की डुबकी लगाई जाती हैं (Beneshwar Dham Mela 2024) दिवंगत परिजनों की अस्थियां लेकर भी लोग धाम पर पहुंच रहे है। आत्मा की शांति के लिए अस्थियों का विसर्जन करते हुए परंपराओं का निर्वहन कर रहे हैं।
सुरक्षा और कानून व्यवस्था सख्त
बेणेश्वर मेले को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से व्यवस्था को लेकर कड़े बंदोबस्त किये गए है। (Beneshwar Dham Mela 2024) चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात किया गया है और इस दौरान घाटों पर स्नान व तर्पण व अर्पण के दौरान कोई हादसा न हो इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। वही सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है।
शाही स्नान
बेणेश्वर मुख्य मेले के दिन बेणेश्वर धाम के महंत अच्युतानंद महाराज व (Beneshwar Dham Mela 2024) भगवान निष्कलंक की साबला हरिमंदिर से बेणेश्वर धाम तक यात्रा निकाली जाएगी। महंत अच्युतानंद महाराज का शाही स्नान आकर्षण का विषय होगा।
गैर प्रतियोगिता
बेणेश्वर मेले में 24 फरवरी को गैर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। (Beneshwar Dham Mela 2024) इसमें बांसुरी, ढोल, नगाड़े और ढोल की गूंज के बीच लोग डांस करेंगे। गैर नृत्य में विजेता होने वाले लोगों को पुरस्कार राशि भी दी जाएगी।