- किस दल की क्या हैं तैयारी?
- BSP और RLP की एकला चलो की जिद
- पूर्वी राजस्थान में बसपा मजबूत दल
- बेनीवाल की पार्टी का बेस जाट वोट
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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसे देखते हुए प्रदेश में सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी का खेल बिगड़ने की पूरी संभावना हैं। तीसरे दल के रूप में नई-नवेली राष्ट्रीय पार्टी बनी अरविंद केजरीवाल की AAP ने हुंकार भर दी हैं। वही बसपा और रालोपा जैसे कई क्षेत्रीय राजनीतिक दल भी पूरे दमखम के साथ मैदान पर उतरने को तैयार हैं।
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किस दल की क्या हैं तैयारी?
राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सत्ताधारी दल कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के नाम चुनना शुरू कर दिया है। वही बीजेपी भी सक्रिय मोड़ में दिखाई दे रही हैं। दोनों ही पार्टियां इस बार सीएम फेस सामने नहीं रखना चाहती हैं, ताकि किसी तरह की अंदरूनी गुटबाजी का असर चुनावी परिणाम पर न पड़े। इसी बीच मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। यही नहीं, प्रदेश में मजबूत क्षेत्रीय दल के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोपा (RLP) भी लगभग सभी सीटों पर लड़ने का प्लान कर रही है।
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी (AAP) ने राजस्थान में अपनी रैलियां करना शुरू कर दी हैं। कुछ दिनों पहले जयपुर और फिर श्रीगंगानगर में निकाली तिरंगा यात्रा से पार्टी ने बता दिया है कि वह राजस्थान में तीसरे राष्ट्रीय दल के रूप में स्थापित होने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात जैसे राज्यों में देखा गया है कि 'आप' ने लगभग कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाई हैं। ऐसे में राजस्थान में आप से बड़ा खतरा कांग्रेस को है।
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BSP और RLP की एकला चलो की जिद
बसपा के नेशनल कन्वेनर आकाश आनंद ने धौलपुर से शुरू हुई संकल्प यात्रा के समापन पर कहा था कि पार्टी सभी 200 विधानसभा सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी। वही आरएलपी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल भी स्पष्ट कर चुके है कि उनकी पार्टी प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के साथ गठबंधन करने के मूड में नहीं हैं। वह अकेले ही चुनाव लड़ेंगे। अब देखना दिलचस्प होगा कि इन दोनों पार्टियों के एकला चलो से प्रदेश में किसे फायदा और किसे नुकसान होगा।
पूर्वी राजस्थान में बसपा मजबूत दल : उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी मजबूत पैंठ रखने वाली बसपा की राजस्थान में भी जड़े गहरी है। दलित वोट बैंक पर नजर रखने वाली बसपा का पूर्वी राजस्थान में अच्छा वोट बैंक है। मायावती की बसपा राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर, अलवर, सवाई माधोपुर और करौली जिलों में हर चुनाव में कुछ न कुछ सीटें जरूर निकालती हैं। यही नहीं झुंझुनू और चूरु से तो लगभग हर बार बसपा के विधायक चुनकर आते रहे है।
बेनीवाल की पार्टी का बेस जाट वोट : हनुमान बेनीवाल की पार्टी RLP का मुख्य वोट जाट समुदाय का रहता है। राजस्थान के मेवाड़ इलाके में जाटों की संख्या अच्छी हैं। यहां की 60 सीटों पर बेनीवाल की पार्टी का अच्छा-खासा दबदबा है। आरएलपी नागौर, सीकर, झुंझुनू, भरतपुर और जोधपुर, बाड़मेर, राजसमंद, जालौर, पाली और अजमेर की कुछ सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है।
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