Sawan : हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल में 12 माह होते हैं। इन 12 महीनों में से प्रत्येक का अपना—अपना महत्व है जिसमें कोई न कोई खास पर्व व त्योंहार आता है जो लोगों को हर्षोल्लास से भर देता है। ऐसा ही एक महीना सावन भी है जिसमें चारों तरफ हरियाली होती है, ठंडी हवा चलती है और व्रत के साथ भगवान शिव की पूजा पूरे महीने चलती है। हालांकि, धार्मिक की तरह ही सावन के महीने में भारतीय परंपराओं के अनुसार कुछ आहार नियम (Sawan Month Foods Rule) भी हैं जिनके अनुसार भोजन करने पर वो अमृत समान होकर काफी फायदे देता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारतीय कैलेंडर के अनुसार किस महीने में कौनसा भोजन (Best Foods To Eat) करना हमारे स्वास्थ्य के लिए उत्तम रहता है।
चैत्र माह (मार्च-अप्रैल)
इस महीने में गुड खाएं क्योंकि यह रक्त संचार ठीक रखने के साथ ही उसें शुद्ध करते हुए कई बीमारियों से बचाता है। चैत्र माह में रोज नीम की 4 से 5 कोमल पतियों को चबाना चाहिए जिससें सभी दोषों से बच सकते है, क्योंकि इससे रक्त शुद्ध होता है।
वैशाख माह (अप्रैल–मई)
वैशाख से गर्मी की शुरुआत होती है इसलिए इस महीने में बेल पत्र के फल का खाने पीने में उपयोज जरूर करें। क्योंकि, बेल की तासीर बहुत ठंडी होती है जो शरीर को शीतलता देता है। वैशाख में तेल का उपयोग बिल्कुल नहीं क्योंकि इससें शरीर अस्वस्थ हो सकता है।
ज्येष्ठ माह (मई-जून)
इस महीने में गर्मी सबसे अधिक होती है। इस महीने में ठंडी छाछ, लस्सी, ज्यूस और अधिक से अधिक पानी का सेवन करें। ऐसा करने से शरीर रोग ग्रस्त नहीं होगा।
अषाढ़ माह (जून-जुलाई)
इस महीने में आम, पुराने गेंहू, सत्तु, जौ, भात, खीर, ठन्डे पदार्थ, ककड़ी, पलवल, करेला, बथुआ आदि खूब खाएं। इस महीने में गर्म प्रकृति वाली चीजों का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
श्रावण माह (जूलाई-अगस्त)
श्रावण के महीने में हरड़ का उपयोग जरूर करना चाहिए। श्रावण में हरी सब्जियां नहीं खाएं व दूध भी कम ही यूज करें। भोजन में पुराने चावल, पुराने गेंहू, खिचड़ी, दही एवं हल्के सुपाच्य भोजन का उपयो करें।
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भाद्रपद माह (अगस्त-सितम्बर)
इस महीने में वर्षा का मौसम् होने की वजह से जठराग्नि भी मंद होती है इस वजह से सुपाच्य भोजन ग्रहण करे। भाद्रपद महीने में चिता औषधि का सेवन अधिक करें।
आश्विन माह (सितम्बर-अक्टूबर)
आश्विन में दूध, घी, गुड़, नारियल, मुन्नका, गोभी खाएं। ये सभी गरिष्ठ भोजन है परंतु फिर भी पच जाते हैं क्योकि इस महीने में हमारी जठराग्नि तेज होती है।
कार्तिक माह (अक्टूबर-नवम्बर)
इस महीने में गरम दूध, गुड, घी, शक्कर, मूली आदि खूब खाएं। कार्तिक में छाछ, लस्सी, ठंडा दही, ठंडा फ्रूट ज्यूस आदि का सेवन नहीं करें।
अगहन माह (नवम्बर-दिसम्बर)
इस महीने में ठंडी और अधिक गर्म खाद्य पदार्थों का उपयोग नहीं करें।
पौष माह (दिसम्बर-जनवरी)
पोष माह में दूध, पनीर एवं उससे बने पदार्थ, गौंद के लाडू, गुड़, तिल, घी, आलू, आंवला आदि खूब खाएं। ये पदार्थ आपके शरीर को स्वास्थ्य बनाए रखेंगे।
माघ माह (जनवरी-फ़रवरी)
इस महीने में गर्म और गरिष्ठ भोजन का उपयोग करें जिनमें घी, नए अन्न, गौंद के लड्डू आदि शामिल कर सकती हैं।
फाल्गुन माह (फरवरी-मार्च)
इस महीने में गुड़ खूब खाएं एवं सुबह के समय योग एवं स्नान जरूर करें।