Bhajanlal Goverment IAS Officers News: राजस्थान सरकार का काम कभी भी बंद हो सकता है। राजस्थान में इस समय आईएएस अफसरों की इतनी कमी है कि, काम करना मुश्किल होता जा रहा है। न ही तो Bhajanlal Goverment के पास विभागों को संभालने के लिए अफसर हैं। ऐसे में कई सारे विभागों का काम कुछ आईएएस कर रहे हैं। जिससे काम तो प्रभावित हो ही रहा है साथ में गुणवत्ता पर भी असर हो रहा है। करीब चार दर्जन आईएएस अधिकारी सभी विभागों का काम संभाल रहे हैं। ऐसे में कार्यक्षमता तो प्रभावित हो ही रही है, साथ ही काम पेंडिंग भी हो रहे हैं। मुख्य सचिव सुधांशु पंत को ही देखें तो वे पांच विभागों को संभाल रहे हैं। केंद्र सरकार ने कैडर रिव्यू में 52 की मांग पर सिर्फ 19 पद ही दिए हैं।
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तो जानते हैं कि आखिर Rajasthan Government कैसे आईएएस अफसरों की कमी झेल रही है। आपको बता दें राजस्थान में इस समय भजनलाल सरकार है। जहां कुल 313 आईएएस पद में से 263 अधिकारी ही नियुक्त किए गए हैं। ऐसे में आईएएस अफसरों की कमी के कारण सरकार का कार्य पूर्णरूप से नहीं हो पा रहा है। करीब चार दर्जन आईएएस अफसरों पर सरकार के कई विभागों का कार्य संभालना पड़ रहा है। ऐसे में अफसर तो परेशान हो ही रहे हैं विभागों का काम भी पूरा नहीं हो पा रहा। आपको बता दें राजस्थान में करीब चार दर्जन अफसर हैं। जो एक विभाग के साथ कई विभागों का काम संभाल रहे हैं। प्रदेश में आईएएस के 313 कैडर निर्धारित हैं। उनकी जगह सिर्फ 263 आईएएस अफसर ही तैनात किए गए हैं। अफसरों की कमी के कारण सरकार का काम प्रभावित हो रहा है। यहां 18 आईएएस अफसर ऐसे भी हैं, जिन्हें केंद्र में प्रतिनियुक्ति दी हुई है। वहीं एक आईएएस जम्मू कश्मीर में डेपुटेशन पर है।
सरकार कर रही प्रयास
अफसरों की इस कमी से निपटने के लिए भजनलाल सरकार कई प्रयास भी कर रही है। बड़े स्तर पर आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर भी किए गए। फिर भी अफसरों को काम में कोई राहत नहीं मिली। आपको बता दें जुलाई में केंद्र सरकार ने आईएएस के कैडर रिव्यू करने के मामले में राजस्थान को झटका दिया था। केंद्रीय कार्मिक विभाग ने 8 साल बाद कैडर रिव्यू कर राजस्थान को 52 आईएएस अफसरों की डिमांड के बदले 19 आईएएस के पद ही स्वीकृत किये। 2016 में राजस्थान के 33 जिलों के कलेक्टर और 7 संभागीय आयुक्त के पद स्वीकृत है, लेकिन पिछले वर्ष ही गहलोत सरकार ने 17 नए जिले और तीन संभागीय आयुक्त और खोले। ऐसे में राजस्थान के जिलों की संख्या 50 और संभागीय आयुक्त कार्यालयों की संख्या 10 हुई। फिर भी केंद्रीय कार्मिक विभाग की ओर से राजस्थान में बढ़े हुए नए 17 जिलों और तीन संभागीय आयुक्त के लिए पदों की संख्या नहीं बढ़ाई।
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मुख्य सचिव पर भी अतिरिक्त भार
मुख्य सचिव सुधांशु पंत भी इसमें शामिल हैं। वे भी एक साथ कई विभागों का काम संभाल रहे हैं। मुख्य सचिव खान अध्यक्ष, खनिज लिमिटेड उदयपुर, चीफ रेजिडेंस कमिश्नर नई दिल्ली, प्रशासक राजफेड़ विभागों का कार्यभार देख रहे हैं। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड और सूचना जनसंपर्क विभाग, गृह विभाग के एसीएस आनंद कुमार के पास न्याय और सैनिक कल्याण विभाग का कार्य है। संसाधन विभाग के एसीएस अभय कुमार, ऊर्जा विभाग के एसीएस आलोक, राजस्थान रोडवेज की चेयरपर्सन शुभ्रा सिंह, वन विभाग की एसीएस अर्पणा अरोड़ा, स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव राजेश यादव, नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया, ग्रामीण विकास विभाग की एसीएस श्रेया गुहा, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा, संस्कृत शिक्षा सचिव पूनम समेत अफसर भी तीन से पांच विभाग देख रहे हैं। के अतिरिक्त कार्यभार हैं।
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