Bhajanlal Sarkar: नेताजी के पास सरकारी गाड़ी और सिक्योरिटी नहीं होती है तो उनका मन बैचने हो जाता है। लेकिन कई नेता चुनाव जीतने के लिए सरकारी सुविधाएं त्यागने की बात करते है लेकिन चुनाव जीतने के बाद वह यह सब बाते भुल जाते है। लेकिन इन दिनों राजस्थान में भजनलाल सरकार के मंत्री ने ऐसा काम किया है जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। (Bhajanlal Sarkar) चुनाव जीतने के लिए मंत्री ने ऐसा कुछ नहीं किया लेकिन विधायक बनने के बाद मंत्री पद मिला और इसके बाद उन्होंने सरकारी गाड़ी, गनमैन, एस्कॉर्ट लेने से इनकार कर दिया है। (Bhajanlal Sarkar) भजनलाल सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने इन चीजों को लेने से दूरी बना ली है।
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मंत्री संजय शर्मा ने छोड़ी सरकारी सुविधाएं
मंत्री बनने के बाद शर्मा ने सरकारी गाड़ी और पीएसओ, पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर को लौटा दिया है। क्षेत्र में पुलिस एस्कॉर्ट लेने से भी इनकार कर दिया है। (Bhajanlal Sarkar) इन सब को लेकर मंत्री ने कहा कि हमें जनता ने चुनकर भेजा हैं तो हमें काहे का डर, मुझे किसी तरह का कोई डर नहीं है और इसलिए मुझे इन तामझाम की जरूरती नहीं है।
पर्सनल कार से ही क्षेत्र का दौरा
मंत्री शर्मा बिना किसी तामझाम के विभाग के दौरे करते हैं ओर वे अपनी पर्सनल कार से ही सचिवालय जाते हैं। अगर उन्हें किसी भी फील्ड में जाना होता है तो भी वे अपनी पर्सनल कार का ही इस्तेमाल करते हैं। (Bhajanlal Sarkar) 17 जनवरी को भजनलाल सरकार में मंत्री पद संभाला था और इसके बाद उन्हें सरकारी गाड़ी व पीएसओ 4 फरवरी को सरकार को लौटा दिया था।
विधायक बनने पर गनमैन भी नहीं लिया था
अलवर शहर से दूसरी बार संजय शर्मा विधायक चुने गए हैं। (Bhajanlal Sarkar) पहली बार विधायक बने थे तब भी वे अपनी सुरक्षा के लिए गनमैन नहीं लिया था। सिद्धि कुमारी, राजेन्द्र पारीक, ज्ञानचंद पारख, खुशवीर सिंह और भरत सिंह कुंदनपुर ने भी गनमैन नहीं लिया था।
संजय शर्मा की पहल से अन्य मंत्रियों पर बढ़ा दबाव
भजनलाल सरकार में 24 मंत्री हैं और सभी को अलग.अलग श्रेणियों में सुरक्षा मिली हुई हैं। वहीं कई मंत्रियों को भी अतिरिक्त सुरक्षा और एस्कॉर्ट दी गई है। (Bhajanlal Sarkar) लेकिन संजय शर्मा के कारण अन्य मंत्री भी ऐसा करने के बारे में सोच सकते है। अन्य मंत्रियों पर संजय शर्मा की पहल का नैतिक दवाब देखने को मिल सकता हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीवीआईपी कल्चर के खिलाफ रहे हैं और लाल बत्ती के कल्चर को खत्म करने का श्रेय भी उनको ही जाता है।
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मंत्री बनने के बाद शुरू किया यह अभियान
मंत्री बनने के बाद से ही उनकी कार्यशैली लोगों पसंद आ रही हैं। (Bhajanlal Sarkar) वन एवं पर्यावरण विभाग का जिम्मा संभालने के बाद से ही वे रोज एक पौधा लगाते हैं और अभी 25 दिन में 25 पौधे लगा चुके हैं। पहला पौधा सचिवालय प्रांगण में ही लगाया था और उसके बाद वह हर दिन ऐसा कर रहे हैं।
मां को कुर्सी पर बिठाया
संजय शर्मा ने कार्यभार ग्रहण किया था, इस दौरान अपनी मां को सबसे पहले कुर्सी पर बिठाया और मंत्री पद संभाला था।