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Bhajanlal Sarkar सरकार का नया आदेश! अब स्कूलों में बच्चे गुड मॉर्निंग की जगह बोलेंगे जै रामजी

जयपुर। Bhajanlal Sarkar का नया आदेश अब जल्द ही जारी होने वाला जिसके तहत अब राजस्थान के स्कूलों में पढ़ने वाली बच्चे गुड मॉर्निंग की जगह जै रामजी (Jai Ramji) बोलेंगें। इसको लेकर राजस्थान की भजन लाल सरकार (Bhajan Lal Sarkar) जल्द ही आदेश जारी करने वाली है। दरअसल, राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रदेश के 9 जिलों में भाषायी सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया है। राज्य के बाकी जिलों में इसकी प्रक्रिया चल रही है। भाषा बोलियों के विशेषज्ञ अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं के शब्दकोष निर्माण कार्य कर रहे हैं। इन शब्दों में फुटरो, राबड़ी, हबडको, छोरा-छोरी, वीद-वीदणी, अंगरकी, खाडका, हरपटिया, मेन मालिया, कूटणा, मोचो, डोंग, कागलों, धीणो, मारसा, खाटो, फटफटियों, तल्लियों री पेटी, समक, होंडो, भणकी, तोमड़ी, तगड़ी जैसे शब्द शामिल किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग के इस नए प्रयोग से स्कूली शिक्षा के बुनियादी ढांचे में विश्वास जागने के साथ ही बच्चों की स्कूलों में हिचकिचाहट भी खत्म होगी।

स्कूल की प्राथमिक शिक्षा स्थानीय बोली में

भारत में भी जापान, जर्मनी एवं अन्य देशों के आधार पर प्राथमिक शिक्षा स्थानीय बोली में भाषायी सर्वेक्षण राजस्थान 23-24 अभियान को लेकर समसा एवं डाइट की ओर से राजस्थान के जिला मुख्यालयों पर जिले के शिक्षाधिकारियों एवं प्रधानाचार्यों इत्यादि की कार्यशालाएं पिछले साल दिसम्बर माह में आयोजित की गई थीं।

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शिक्षकों पर सर्वेक्षण टूल प्रशासित

इसको लेकर फिलहाल जालौर जिले की सभी सरकारी स्कूलों में कार्यशालाओं के बाद भाषायी सर्वेक्षण का कार्य ऑनलाइन शाला दर्पण के जरिए कक्षा 1 से 5 के हिन्दी भाषा पढ़ाने वाले शिक्षकों पर यह सर्वेक्षण टूल प्रशासित किया गया है। इस सर्वेक्षण उपकरण से घर की भाषा, परिवेश की भाषा, समूह साथी की भाषा, शिक्षक की भाषा बोलने व समझने को लेकर सर्वेक्षण जारी किया गया है। इससें बहुभाषी शिक्षा नीति को लागू करने में काफी सहायता मिलने के साथ ही यह कारगर भी साबित होगी।

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प्राथमिक कक्षाओं में मातृभाषा स्थानीय बोली

इसको लेकर डॉ. नंदलाल दवे, राज्य संदर्भ व्यक्ति, भाषायी सर्वेक्षण 2023-24 का कहना है कि भारत समेत राजस्थान में भी अब जापान, जर्मनी समेत अन्य देशों की तर्ज पर प्राथमिक शिक्षा वर्ग की कक्षाओं में मातृभाषा स्थानीय बोली में विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है जिससें बच्चे जल्दी समझ जाते हैं। अब राजस्थान में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण के बाद बहुभाषा शिक्षा नीति तैयार करने में काफी सहायतामिलेगी। मदद मिलेगी साथ ही प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों को मातृभाषा सीखने का अवसर मिल सकेगा।

Anil Jangid

Anil Jangid डिजिटल कंटेट क्रिएटर के तौर पर 13 साल से अधिक समय का अनुभव रखते हैं। 10 साल से ज्यादा समय डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर राजस्थान पत्रिका, 3 साल से ज्यादा cardekho.com में दे चुके हैं। अब Morningnewsindia.com और Morningnewsindia.in के लिए डिजिटल कंटेंट विभाग संभाल रहे हैं।

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