Rajasthan Politics : जयपुर। राजस्थान में जिलों को लेकर एक बार फिर से बवाल मचा हुआ है। पिछले कुछ दिनों में राजस्थान की राजनीति में जो घटनाक्रम हुआ है, उसने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया। गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों और तीन संभागों को भजनलाल सरकार ने रद्द कर दिया है, और इस फैसले ने कांग्रेस पार्टी को आक्रोशित कर दिया है। इस फैसले पर कांग्रेस ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है। पीसीसी चीफ गोविंद सिहं डोटासरा ने इस मामले में सीएम और डिप्टी सीएम को आपस में ही लड़वा दिया है?
गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी साल में नए जिले और तीन संभागों का गठन किया था, जिससे राजस्थान का भूगोल एक तरह से बदल गया था। लेकिन जैसे ही भजनलाल सरकार ने सत्ता संभाली, यह माना जा रहा था कि वे इन नए जिलों पर फिर से विचार करेंगे और अब कैबिनेट बैठक के बाद, भजनलाल सरकार ने 9 जिलों और तीन नए संभागों को रद्द कर दिया है। इस पर कांग्रेस पार्टी का गुस्सा फूट पड़ा है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस फैसले के खिलाफ आंदोलन करने की घोषणा की है।
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गोविंद सिंह डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा, “मुख्यमंत्री भजनलाल ने अपना डीग जिला बचा लिया, लेकिन डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा अपना दूदू जिला नहीं बचा पाए। यह उनकी सरकार की विफलता है, डोटासरा का यह बयान राज्य के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा पर सीधा हमला था, जो दूदू से विधायक हैं। प्रेमचंद बैरवा का नाम लेते हुए डोटासरा ने कहा कि प्रेमचंद बैरवा, जो खुद दूदू से विधायक हैं, इस फैसले के खिलाफ अपनी आवाज नहीं उठा पाए और प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी नहीं आए। इस बयान से साफ जाहिर है कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह से आक्रामक है वहीं भाजपा के डिप्टी सीएम बैरवा इस पर कुछ नहीं बोल पा रहे हैं।
हालांकि, सीएम भजनलाल के गृह जिले भरतपुर को तोड़कर बनाए गए डीग जिले को बरकरार रखा गया है, जो खुद भजनलाल का क्षेत्र है, अब इस फैसले के बाद कांग्रेस ने इसे जनविरोधी फैसला बताते हुए भाजपा सरकार पर ताबड़तोड़ हमला किया है, डोटासरा ने कहा- राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इस फैसले को देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार से पहले लिया, जो एक बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण कदम है। राष्ट्रीय शोक के समय भाजपा ने जनविरोधी फैसला लिया। कांग्रेस अब इस फैसले के खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान कर चुकी है। वे भाजपा सरकार के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चलाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि जनता के हितों का ध्यान रखा जाए। कांग्रेस का कहना है कि जनता के बीच इस फैसले के खिलाफ गुस्सा है, और पार्टी इसे लेकर सड़कों पर उतरेगी।
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