Naresh Meena News : देवली उनियारा। थप्पड़ कांड के बाद जेल की काली कोठरी में रात बिताने वाले देवली-उनियारा से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले नरेश मीणा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। देवली-उनियारा में हुए थप्पड़ कांड और आगजनी के बाद नरेश मीणा एक के बाद एक नई मुश्किल में फंसते जा रहे हैं। आइए जानिए क्या है पूरा मामला?
थप्पड़ कांड और आगजनी के बाद पुलिस ने नरेश मीणा (Naresh Meena) को गिरफ्तार किया। इसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। नरेश मीणा के साथ पकड़े 52 लोगों को भी जेल भेज दिया गया है। इस बीच जिला कलेक्टर डॉ. सौन्या झा और नरेश मीणा की बातचीत को लेकर सामने आया कि जिला कलेक्टर ने नरेश मीणा को 6 कॉल किए थे। लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया, एसडीएम और अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने भी कलेक्टर से बात करवाने की कोशिश कर मगर नरेश मीणा ने बात नहीं की।
यहां पढ़े:- SDM Amit Choudhary के बयान से खुली कलेक्टर की पोल, Naresh Meena को बेवजह फंसाया गया
वहीं दूसरी और प्रशासन अगर चाहता तो नरेश मीणा (Naresh Meena) को थप्पड़ कांड के बाद गिरफ्तार कर सकता था। अगर ऐसा होता तो देवली-उनियारा में आगजनी और बवाल नहीं होता। जबकि देवली-उनियारा की जनता की मानें तो नरेश मीणा की गलती कम और प्रशासन की गलती ज्यादा दिख रही है। किरोड़ी लाल मीणा के सामने देवली में बातचीत करते हुए एक महिला का वीडियो वायरल हो रहा है जो साफ-साफ कर रही हैं नरेश मीणा की कोई गलती नहीं है। उन्होंने जिला कलेक्टर को बुलाया था पर वो नहीं आई।
वहीं जिस एसडीएम को नरेश मीणा (Naresh Meena) ने थप्पड़ जड़ा उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि जिला कलेक्टर मैडम ने उन्हें कहा था कि देवली में चुनाव का बहिष्कार तुड़वो और वोट दिलाओं। मैंने कलेक्टर के कहने पर जबरदस्ती वोट डलवाए थे।
अब डॉ. किरोड़ी लाल मीणा कभी नरेश मीणा (Naresh Meena) को बचाने की कोशिश करते दिख रहे हैं तो कभी ऐसा लग रहा है उनकी बाकी जिंदगी जेल में कटती दिख रही है। खैर ये रहा अब तक का घटनाक्रम और बयानबाजी। लेकिन ताजा जानकारी यह है कि जाट समाज नरेश मीणा को इस कदर फंसाने की तैयारी कर चुका हैं कि अब वो पूरी जिंदगी ही विधानसभा पहुंचने के सपने लेता रहेगा। लेकिन शायद ही पहुंच पाए।
नरेश मीणा (Naresh Meena) ने जिस एसडीएम को थप्पड़ जड़ा था वो जाट है। ऐसे में जाट समाज अब एसडीएम अमित चौधरी के पक्ष में उतर आया है। जाट समाज ने राजस्थान की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। यह आग अब पूरे राजस्थान के जाट समाज में पहुंच गई है और जाट समाज नरेश मीणा पर आजीवन चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने पर अड़ गया है।
जाट समाज जो इस मामले में प्रमुख विरोधी के रूप में उभरा है। जाट समाज ने न केवल नरेश मीणा (Naresh Meena) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है बल्कि यह भी कहा है कि मीणा को आजीवन चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। जाट समाज के नेताओं का कहना है कि ऐसे व्यक्तियों को लोकतांत्रिक संस्थाओं का हिस्सा बनने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। जो सार्वजनिक रूप से अधिकारियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार करें। उनका यह भी मानना है कि इस घटना से लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंची है और इससे समाज में नकारात्मक संदेश जाता है।
इस विवाद के बाद जाट समाज ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया है, उन्होंने कहा है कि अगर सरकार इस मामले में जल्द और कठोर कार्रवाई नहीं करती है, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। जाट समाज के नेताओं ने मांग की है कि नरेश मीणा के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
वहीं नरेश मीणा () को शुक्रवार 15 नवंबर को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए नरेश मीणा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने का आदेश दिया। अब नरेश मीणा को टोंक जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया है और पुलिस बल की तैनाती भी की गई है ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा या उपद्रव को रोका जा सके। यह मामला न केवल स्थानीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था और कानून के राज पर भी कई सवाल खड़े करता है।
लेटेस्ट न्यूज से अपडेट रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल से जुड़ें।