राजस्थान के मुख्यमंत्री को कल जयपुर सेंट्रल जेल से एक धमकी भरा कॉल किया गया था। जयपुर की सबसे सुरक्षित कही जाने वाली सेंट्रल जेल में पॉक्सो एक्ट के तहत बंद एक क़ैदी द्वारा दिन दहाड़े फोन पर सीएम भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी देना हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े करता है। मामला दिल्ली तक पहुंच गया है। आनन फानन में जेल प्रहरियों को हटाया गया है। आज गृह राज्यमंत्री ने डीजी कारागार से रिपोर्ट तलब की है। साथ ही भजनलाल सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए जेल अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया है।
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जेल में मोबाइल कैसे संभव?
जयपुर सेंट्रल जेल में क़ैदी तक मोबाइल पहुंचने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार जेल में मोबाइल फोन बरामद किये गये है। मामला इस बार राजस्थान के मुखिया से जुड़ा है इसीलिए हंगामा बड़े लेवल पर हो रहा है। इस पूरे घटनाक्रम में जेल कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है। जेल में प्रतिबंधित सामान पहुंचाने का काम बहुत ही शातिर तरीके से किया जाता है। इस पर रोक लगाने के लिए सख्त सिस्टम बनाना होगा।
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हमारी जेलों के क्या हाल है?
हमारी जेलों की हालत बहुत खराब है। जयपुर सेंट्रल जेल हो या अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल सबमें कुछ न कुछ खामियां हैं। पुरानी तकनीक के मोबाइल जैमर लगे हुए हैं। 2जी के ज़माने के जैमर 5जी और वाई-फाई कॉलिंग को भला कैसे रोक पाएंगे। हमला सरकार पर हुआ है तो अब इस व्यवस्था को चाक चौबंद करना भी सरकार की ही जिम्मेदारी है।