BJP Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान की 25 में से महज 14 सीटों पर सिमटने के बाद भारतीय जनता पार्टी के अंदर मंथन जारी है। पार्टी को मिली हार के बाद प्रदेश की राजनीति में में भी उथल-पुथल मची हुई है। ..इस उथल-पुथल को देखते हुए पार्टी के अंदर कई बड़े बदलाव होने की सुगबुगाहट जारी है। प्रदेश संगठन में बदलाव की चर्चाओं के बीच पिछले 2 दिनों में पार्टी के दिग्गज नेता सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़ दिल्ली पहुंचे है।
दोनों नेताओं ने दिल्ली जाकर अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। इसी बीच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। सीएम ने पीएम को प्रदेश की 11 सीटों पर मिली हार की रिपोर्ट सौंपी है। सियासी गलियारों में चर्चाएं है कि, विधानसभा चुनाव में अपनी-अपनी सीटें हारने के बाद साइडलाइन किये गए सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़ को एक बार फिर से प्रदेश संगठन में बड़ी भूमिकाएं दी जा सकती है।
प्रदेशाध्यक्ष बनेंगे सतीश पूनिया!
राजस्थान में बीजेपी को 11 सीटों पर मिली करारी हार के बाद संगठन में बदलाव की चर्चाएं जोरों पर है। बुधवार को सतीश पूनिया ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे है कि, पूनिया को फिर से प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है। दरअसल, पूनिया के न होने से बीजेपी को जाट वोटों का नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे में अब पार्टी अपनी गलती को सुधार कर पूनिया को फिर से प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।
राठौड़ की फिर बढ़ेगी अहमियत!
बीते लोकसभा चुनाव में गुजरात के बीजेपी नेता पुरुषोत्तम रूपाला के बयान से राजपूत समाज खफा था, जिसका असर राजस्थान के चुनावों में हुआ। ऐसे में राजेंद्र राठौड़ की संगठन में अहम जिम्मेदारी देकर बीजेपी राजपूत समाज को अपने साथ करने का प्रयास कर सकती है।