राजस्थान की शिक्षा नगरी पिलानी विश्व पटल पर एक अलग ही स्थान रखता है। बिड़ला परिवार द्वारा स्थापित बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS) के लिए प्रसिद्ध है। इसके साथ ही पिलानी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी है।
बावलीया बाबा की तपोस्थली भी रहा है पिलानी
राजस्थान के झुंझुनूं स्थित पिलानी शहर को बावलीया बाबा के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर काफी समय पहले पंड़ित गणेश नारायण बुगाला नाम से संत थे। उन्हें बावलिया बाबा भी कहा जाता था। पिलानी स्थित एक कच्चे तालाब के पास केर के पेड़ के नीचे बैठकर वह अपनी साधना और तपस्या करते थे। इस तालाब को भगिनिया जोहड़ के नाम से भी जाना जाता है। उनके अलावा भी यहां बहुत से अन्य साधु-महात्माओं ने तपस्या की है।
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बिड़ला परिवार को दिया था सम्राट बनने का आशीर्वाद
बावलिया बाबा पिलानी में ही रहकर अपनी तपस्या करते थे। उनके साधना से प्रभावित जुगल किशोर बिड़ता नित्य उनके पास आया करते और उनकी सेवा किया करते। बाबा ने ही बिड़ला को धनी बनने का आशीर्वाद देकर पिलानी से बाहर जाने की आज्ञा दी थी जिस पर बिड़ला परिवार ने कोलकाता आकर व्यापार की शुरूआत की। उन्हें कारोबार में इतना मुनाफा हुआ कि आज भी बिड़ला परिवार देश के सबसे धनी परिवारों से एक माना जाता है।
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बाबा के कहने पर ही पिलानी बना शिक्षा नगरी
कहा जाता है कि धनी बनने के बाद बावलिया बाबा की प्रेरणा से ही बिड़ला परिवार ने पिलानी में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट ओपन किया जो आज भी दुनिया के टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में से एक है। इसके अलावा बाबा की प्रेरणा से ही बिड़ला परिवार ने देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों में मंदिरों का भी निर्माण किया है।
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