जयपुर। Bisalpur Bandh Water Level Capacity : अजमेर, जयपुर, टोंक और दौसा के लोग अब दो बूंद पानी को तरसने वाले हैं क्योंकि इन जिलों में पानी की सप्लाई का मुख्य स्त्रोत बीसलपुर बांध खाली होने की कगार पर है। 12 साल में दूसरी बार जून के महीने में बीसलपुर बांध सबसे ज्यादा खाली हुआ है। अभी चार जिलों की लाइफलाइन माने वाले इस बांध में सिर्फ 27 प्रतिशत पानी ही बचा है। इसी के साथ ही इसका जलस्तर 309.87 आरएल मीटर रह गया है यानि 10.502 टीएमसी पानी ही बचा है।
स्थिति यह हो चुकी है कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में आधी जनता तक 36 घंटे में भी पानी सप्लाई (Bisalpur Bandh Water Supply) नहीं हो पा रहा है। आपको बता दें कि इससे पहले जून 2019 में भी इस बांध का जलस्तर इतना ही गिरा था। बीसलपुर बांध में हर साल जुलाई या अगस्त में पानी न्यूनतम स्तर तक पहुंच जाता है। हालांकि, इस बार पहली बार जलदाय विभाग इस बांध में वॉटल लेवल का आंकलन करने में विफल रहा। बीसलपुर बांध में जून महीने के अंत तक 310.49 आरएल मीटर का जलस्तर होना जरूरी है। विशेषज्ञों के मुताबिक जयपुर की लाइफलाइन कहे जाने वाले इस बांध से रोज 1070 एमएल पानी निकालता है और यदि बारिश कम हुई तो अगस्त मध्य तक सप्लाई बंद हो जाएगी।
साल 2023 में मानसून कमजोर रहने की वजह से बीसलपुर बांध का वॉटर लेवल सिर्फ 314.01 आरएल मीटर (Bisalpur Bandh Water Capacity) ही था। लेकिन, विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक दबाव में जल संसाधन विभाग ने 26 दिन तक सिंचाई के लिए 1.586 टीएमसी पानी छोड़ दिया। परंतु, नई सरकार बनने के बाद पानी देने पर पाबंदी लगाई गई। इस वजह से बांध में अनुमान से भी अधिक पानी कम हो गया।
राजस्थान सरकार के जलदाय विभाग ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए जयपुर शहर समेत अन्य जिलों के 5 लाख से ज्यादा कनेक्शन जोड़े। इस वजह से जल का दोहन बढ़ा और बांध का जलस्तर तेजी से गिरता गया। अब जलदाय विभाग ने ग्रामीण इलाकों में पानी की कटौती शुरू की है। बांध को मानसून तक सप्लाई से जोड़े रखने के लिए जलदाय विभाग के इंजीनियरों की चिंता बढ़ गई थी जिसके बाद जयपुर के गांवों में 72 घंटे में पेयजल सप्लाई शुरू की। अजमेर शहर में तो 48 घंटे में एक बार पानी सप्लाई होता है। बीसलपुर बांध का जलस्तर 309.87 आरएल मीटर है जबकि सामान्य तौर पर 310.49 मीटर होना चाहिए।
वर्ष न्यूनतम वॉटर लेवल आरएल मीटर में
2010 – 298.67 (21 जुलाई)
2011 – 305.63 (23 जून)
2012 – 309.97 (7 अगस्त)
2013 – 309.73 (6 जुलाई)
2014 – 311.60 (17 जुलाई)
2015 – 311.99 (9 जुलाई)
2016 – 309.92 (जुलाई)
2017 – 311.87 (जून)
2018 – 309.10 (16 अगस्त)
2019 – 304.85 (26 जुलाई)
2020 – 312.58 (9 अगस्त)
2021 – 309.36 (27 जुलाई)
2022 – 309.05 (10 जुलाई)
2023 – 312.78 (18 जुलाई)
गौरतलब है कि जयपुर में प्री-मानसून एक्टिविटी कमजोर पड़ गई है जिसके चलते पश्चिमी हवाओं का असर बढ़ा है और गर्मी बढ़ी है। राजधानी में दिन-रात का पारा सामान्य से 3 से 4 डिग्री अधिक है। राजस्थान के 6 शहरों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री तक पहुंच चुका है। श्रीगंगानगर की बात करें तो यहां तापमान 44.8 डिग्री तक है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 7 दिन तक बारिश की गतिविधियां कमजोर रहेंगी। हालांकि, राज्य के पूर्वी जिलों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
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