जयपुर : Bisalpur Dam : जयपुर, अजमेर और टोंक की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध में अब कभी भी पानी की कमी नहीं होगी। क्योंकि इसें भरने के लिए भजनलाल सरकार 8300 करोड़ रुपए खर्च कर नया प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है। अब बीसलपुर बांध में चंबल नदी का पानी लाया जा रहा है। मॉनसून के दौरान मध्य प्रदेश से चलकर पानी चंबल नदी के जरिए सीधा यमुना, गंगा होता हुआ बंगाल की खाड़ी में गिर जाता है। लेकिन, अब इस पानी को राजस्थान के लोगों के पीने समेत अन्य जरूरतें पूरी करने के लिए किया जाएगा। दरअसल, बारिश के समय बांध ओवर फ्लो होने की स्थिति में छोड़ा जाने वाला पानी व्यर्थ चला जाता है, अब इसका उपयोग राजस्थान करेगा। इसके अलावा चित्तौड़गढ़ जिले की ब्राह्मणी नदी पर भी 500 करोड़ रूपयों की लागत से एक बांध बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट की वजह से बूंदी जिले के तीन बांध, गुढा, गरदड़ा, अभयपुरा को पानी मिलेगा।
कोटा जलसंसाधन विभाग के एसई एडी अंसारी ने कहा है कि राज्य सरकार के निर्देश पर चंबल से बीसलपुर पानी ले जाने की योजना के निर्देश दिए जाने पर इंजीनियरों ने यह प्रोजेक्ट बनाया है। इस प्रोजेक्ट पर पिछले 4 महीने से एक्सरसाइज की जा रही है। राजस्थान सरकार से भी इसके लिए बजट की मंजूरी मिल गई है और अब इसकी डीपीआर बनाकर दी जाएगी। इसके बाद ऑनलाइनमेंट पर मोहर लगते ही काम शुरू हो जाएगा।
इस प्रोजेक्ट के तहत चंबल नदी पर बने राणा प्रताप सागर बांध का पानी बनास नदी पर बने बीसलपुर बांध में लाने के लिए 145 किलोमीटर लंबी ग्रेविटी चैनल बनाई जाएगी। इसी के जरिए मॉनसून सीजन में बांध में आने वाला सर प्लस पानी बीसलपुर बांध में पहुंचाया जाएगा। एसई एडी अंसारी के मुताबिक ग्रेविटी चैनल राणा प्रताप सागर के सेटल डैम से निकलेगी। इसके अलावा चितौड़गढ जिले की ब्राह्मणी नदी पर 500 करोड़ रूपये से बांध बनाया जाएगा। इस नदी का सर प्लस पानी करीब 3000 क्यूसेक पानी बांध के जरिए ग्रेविटी चैनल में डाला जाएगा। वहीं, राणा प्रताप सागर में 1.5 लाख क्यूसेक पानी रहेगा।
बीसलपुर बांध की भराव क्षमता 400 एमक्यूएम है। अब इसको 100 एमक्यूएम पानी ब्राह्मणी नदी से मिलेगा। जबकि बाकी 300 एमक्यूएम पानी राणा प्रताप सागर का सर प्लस पानी के रूप में लिया जाएगा। बीसलपुर बांध को भरने के लिए 10 से 15 दिन बाद ही बारिश के सीजन में चंबल नदी के ओवर फ्लो होते ही यह पानी छोड़ा जाएगा जिससें बिसलपुर बांध भर जाएगा। ऐसा होने पर जयपुर, अजमेर, टोंक, दूदू सहित अन्य शहरों के लिए पानी की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा।
एसई अंसारी का कहना है कि राणा प्रताप सागर डैम से ग्रेविटी चैनल शुरू होगी जो भैंस रोड़गढ़, जवाहर सागर बांध तक चंबल के किनारे किनारे चलेगी। यह गडरिया महादेव और बूंदी के बिजोलिया घाट से होते हुए भीलवाड़ा जिले में एंटर करेगी। एलाइनमेंट के लिए एक ब्राह्मणी नदी पर बांध भी बनेगा जिसकी क्षमता डीपीआर में तय की गई जाएगी। इसकी पूरी डीपीआर बनाई जाएगी। हालांकि, इस बांध की ऊंचाई थोड़ी कम रखी जाएगी ताकि डूब क्षेत्र कम रहे।
राजस्थान सरकार के जल संसाधन विभाग ने 2014 में भी ऐसा ही प्रोजेक्ट बनाया था जिसका मकसद जवाहर सागर बांध से पानी लिफ्ट करके ले जाना था। इस प्रोजेक्ट में 89km कैनाल और 52km लंबी टनल कैनाल बनाई जानी थी। हालांकि, इसमें कैनाल की चौड़ाई काफी कम रखी गई थी। हालांकि, इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने से पहले इसें 2016 में ड्रॉप कर दिया गया। इस लिफ्ट आधारित प्रोजेक्ट पर 4000 करोड़ रुपए खर्च किए जाने थे।
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