शुक्रवार को राज्य में वीरांगनाओं के सम्मान की लड़ाई में साथ देना सांसद किरोड़ीलाल मीणा को भारी पड़ गया। जब वह वीरांगना मिलने उनके गावं गोविंदपुरा बासड़ी जा रहे थे। इसी बीच सामोद थाने के बाहर खड़ी पुलिस ने उन्हें वहां रोक लिया और बदसलूकी करने लगे। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस ने किरोड़ीलाल मीणा के साथ हाथापाई शुरू कर दी। पुलिस के साथ हुई झड़प में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा घायल हो गए और उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस सारी घटना में कांग्रेस सरकार विवादों से घिर गई तो पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने आकर मामले को निपटाने की कोशिश की।
किरोड़ीलाल मीणा के घायल होने के बाद सचिन पायलट तीनों प्रदर्शनकारी महिलाओं से मिले जो उनके आवास के बाहर प्रदर्शन कर रही थी और शुक्रवार को उन्हें जबरन वहां से उठाकर उनके गावं भेजा गया। वहीं कुछ समर्थकों को सेज पुलिस थाने में रखा गया। घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए पायलट ने कहा कि देश में इस तरह का संदेश जाना गलत है कि राज्य में सरकार वीरों की बात नहीं सुनती। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी को अपने अहंकार को रास्ते में नहीं आने देना चाहिए। “अगर कुछ माँगें हैं, तो उन्हें पूरा किया जा सकता है। उनकी मांगे सही है या गलत यह देखना बात की बात है लेकिन उनकी बात सुनने के रास्ते में अहंकार को बीच में लाना यह सही नहीं। मामले को बेहतर तरीके से सुलझाया जा सकता था। खबरों के मुताबिक पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट शुक्रवार को टोंक में थे।
साथ ही सचिन ने यह भी कहा कि जिस तरह से पुलिस ने किरोड़ीलाला मीणा के साथ व्यवहार किया उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है और इसकी जांच की जानी चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए। एसएमएस में किरोड़ीलाल मीणा से मिलने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, भाजपा के राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवारी, भाजपा के पूर्व मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी पहुंचे।
वहीं किरोड़ीलाल मीणा ने ट्विटर पर विरोध प्रदर्शन करने की भी बात कही है। उन्होनें लिखा कि – वीरांगनाओं के साथ अभद्रता कर और PoliceRajasthan से उनका दमन करने वाली ashokgehlot51 सरकार ने तानाशाही की सीमा पार कर दी है। इसके विरोध में 11 मार्च को प्रात: 11 बजे प्रदेश भाजपा कार्यालय, जयपुर पर विरोध प्रदर्शन होगा।