जयपुर। हैरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर, पार्षदों का अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा के साथ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। अतिरिक्त आयुक्त वर्मा ने महापौर मुनेश गुर्जर व पार्षदों पर जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने व जबरन दस्तखत करवाने का आरोप लगाया हैं। महापौर मुनेश गुर्जर, उप महापौर असलम फारूकी के साथ ही अन्य पार्षदों ने उसके साथ में जबरदस्ती की और फाइलों पर हस्ताक्षर करवाने का प्रयास किया था। इस पूरे मामले में अब स्वायत्त शासन विभाग ने भी जांच शुरू कर दी हैं।
स्वायत शासन विभाग की और से इस पूरे मामले की जांच डीएलबी एडिशनल डायरेक्टर चांदमल वर्मा को सौंपी गई हैं। इस पूरे मामले में महापौर मुनेश गुर्जर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा उनके द्वरा अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया गया हैं। मुनेश गुर्जर ने कहा जाचं के बाद पूरा मामला सामने आ ही जाएगा। वहीं अब इस मामले में भाजपा से मेयर प्रत्याशी रही पार्षद कुसुम यादव ने ग्रेटर नगर निगम का मामला सीएम गहलोत को याद दिलाया हैं। पार्षद कुसुम ने कहा जब महापौर सौम्या गुर्जर पर आरोप लगे तो इस मामले में पहले ही निलंबन कि प्रक्रिया अपना ली गई। यादव ने कहा इस मामले में तो वीडियो और नामजद एफआईआर सामने है। यादव ने कहा इस मामले में कार्रवाई भाजपा कांग्रेस से ऊपर है उठ कर की जानी चाहिए।
वहीं दुसरी और इस मामले को लेकर भाजपा पार्षद पारस जैन ने कहा सीएम हैरिटेज नगर निगम के मामले में चुपी क्यों साधे बैठी हैं। इस मामले में भी पूरी न्यायिक जांच होनी चाहिए। भाजपा पार्षद ने कहा ग्रेटर नगर निगम में जब ऐसा हुआ तो महापौर के साथ ही पार्षदों को भी निंलबित कर दिया गया। तो अब ऐसा क्यों नहीं हो सकता हैं।