Jaipur Ram Mandir: राजस्थान की राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ की तलहटी में माउंट रोड पर भगवान श्रीराम ब्रह्म स्वरूप में विराजमान हैं। उनके इस मंदिर को 'ब्रह्म राम मंदिर' और 'श्री राम आश्रम' के नाम से भी जाना जाता है। हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु नयनाभिराम स्वरूप का दर्शन करने पहुंचते हैं।
30 वर्ष पहले हुई मंदिर की स्थापना
मंदिर में भगवान श्री राम माया से विरक्त ब्रह्म स्वरूप में विराजमान हैं। वाल्मीकि रामायण और अन्य शास्त्रों में भी इसका वर्णन है कि 'एको ब्रह्म, द्वितीयो नास्ति' यानी ईश्वर एक ही है, बाकी सभी नाशवान है। बताते है कि करीब 30 वर्ष पहले बाबा लक्ष्मण दास जी की बगीची में इस मंदिर का निर्माण हुआ था।
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कांच की कारीगरी से तैयार हुआ मंदिर
महंत ऋषि कुमार के सानिध्य में इस मंदिर की नींव रखी गई थी। मंदिर का आंतरिक हिस्सा कांच की कारीगरी से तैयार किया गया है, जबकि बाहर एक सुंदर बगीचा है। मंदिर में भगवान श्री राम के साथ सिर्फ उनके परम भक्त हनुमान जी भी विराजित हैं। यहां सुबह से भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते है।
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रामनवमी पर 25 सालों से हो रहा यज्ञ
स्थानीय महिलाएं नियमित रूप से भगवान के समक्ष भजन-कीर्तन करती हैं। मंदिर में बीते 25 सालों से रामनवमी के अवसर पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक यज्ञ होता आया है। इसमें गणेश सहस्त्रनाम, राम रक्षा स्त्रोत, सीताराम युगल सहस्त्रनाम, हनुमान सहस्त्रनाम, गुरु सहस्रनाम के बाद पूर्णाहुति होती है।