जयपुर। Building Bye Laws : देश की राजधानी दिल्ली स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने कई छात्रों की मौत के बाद राजस्थान की भजनलाल सरकार भी अलर्ट हो चुकी है और एक्शन ले रही है। इसको लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने साफ कहा है कि नियमों का पालन नहीं करने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर सरकार की तरफ से कोचिंग-लाइब्रेरी संचालकों को 15 दिन का समय दिया गया है। इसके बाद सरकार सर्वे कराकर इन संस्थानों की जांच कराएगी। सीएम ने ट्वीट कर दिल्ली में हुई घटना पर खेद जताते हुए राज्य में नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
बिल्डिंग बायलॉज के नियम लागू
राजस्थान सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ लोकल बॉडीज ने बिल्डिंग बायलॉज के नियम लागू कराने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इनके अनुसार यदि 15 दिन में भी हालात नहीं सुधरे तो संबंधित संस्थानों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि दिल्ली में हुई घटना के बाद अब अफसर एकबार फिर जाग गए हैं।
कोचिंग सेंटरों के पास नहीं फायर फाइटिंग सिस्टम
राजधानी जयपुर के नगर निगम ग्रेटर इलाके में टोंक फाटक, गोपालपुरा बाइपास, प्रताप नगर, मालवीय नगर, झोटवाड़ा, वैशाली नगर, सोडाला, गुर्जर की थड़ी, मानसरोवर आदि इलाकों में 150 से अधिक कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। सामने आया है कि इनमें से 95 प्रतिशत से ज्यादा के यहां फायर फाइटिंग सिस्टम ही नहीं है। इतना ही नहीं बल्कि कईयों ने तो फायर की एनओसी तक नहीं ले रखी। ऐसे में अब सरकार सख्त एक्शन लेने जा रही है।
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कोचिंग-लाइब्रेरी वालों को इन नियमों का करना होगा पालन
1. सरकार द्वारा जारी नियमों के अनुसार मल्टी स्टोरी और हाईराइज बिल्डिंग में ऊपरी मंजिलों तक पहुंचने और बाहर जाने के लिए मुख्य और वैकल्पिक रास्ते (सीढ़ियों) के अलावा बेसमेंट के लिए भी वैकल्पिक रास्ता होना जरूरी है।
2. बिल्डिंग का कॉमर्शियल यूज होने पर बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर निकास के लिए 15 मीटर से अधिक नहीं चलना पड़े। यदि वहां पर फायर इक्विपमेंट लगे हैं तो बाहर निकलने के रास्ते को 22.5 मीटर तक लंबा रख सकते हैं।
3. बिल्डिंग के बेसमेंट में किसी भी तरह के ज्वलनशील और हानिकारक पदार्थ को स्टोर नहीं करें।
4. बिल्डिंग में अग्निशमन सुरक्षा के लिए नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया के प्रावधानों का पालन करते हुए स्थानीय निकाय के अग्निशमन अधिकारी की ओर से कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, शैक्षणिक और हॉस्पिटल के भवन, कोचिंग सेंटर, हॉस्टल (छात्रावास), होटल, रेस्टोरेंट, ऑडिटोरियम (सभागार) का नियमित निरीक्षण कर नियमों को लागू किया जाए।
5. पूरे राज्य में जहां भी निरीक्षण के दौरान अग्निशमन सुरक्षा में कमी या फिर लापरवाही पाई जाती है तो अग्निशमन अधिकारी 15 दिन में बदहाल व्यवस्था को सुधारने का नोटिस जारी करें। अगर इसके बाद भी अग्निशमन सुरक्षा में कमी पाई गई तो संबंधित बिल्डिंग (भवन) को सील किया जाएगा।
6. प्रदेशभर में जहां पर भी बेसमेंट में कॉमर्शियल गतिविधियां कोचिंग सेंटर, लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा है, वहां हवा और पानी के निकास की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।