Banswara Mango: गर्मी के मौसम में सभी लोगों को आम खाना बहुत ज्यादा पसंद होता है लेकिन इस आम के भी इतने प्रकार है कि जो लोगों के स्वाद को ज्यादा बढ़ा देते है। ऐेस में हम आपको राजस्थान के एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं जो आम के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्व है। इस शहर में एक नहीं दो नहीं बल्कि 50 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है।
45 प्रजातियों के आम
राजस्थान केसर, फजली, मूलागो, बैगनपाली, लंगड़ा, आम्रपाली, फेरनाड़ी, तोतापूरी, रामकेला ,जम्बो केसर गुजरात, स्वर्ण रेखा, बंगलौरा, नीलम, चौसा, दशहरी, मनकुर्द, वनराज,किशन भोग, बॉम्बे ग्रीन, बॉम्बई, केसर, हिमसागर, जरदालु, अल्फांजो, बजरंग, राजभोग और मल्लिका आदि प्रकार के 45 प्रजातियों का बंपर उत्पादन होता है।
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बांसवाड़ा बना आमों का शहर
वैसे इस जीले में मक्का का उत्पादन बहुत ज्यादा होता है लेकिन अब फलों का राजा कहा जाने वाला आम भी यहां की खास पहचान बन गए है। गर्मियों में यहां फलों के राजा ‘आम’ की इतनी ज्यादा वैरायटी मिल जाती है जो अन्य जगह नहीं मिल पाती है। यहां आम की सभी प्रकार की प्रजातियों की लगातार बंपर पैदावार बढ़ती ही जा रही है।
कृषि अनुसंधान केंद्र
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा संचालित क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र एवं कृषि विज्ञान केंद्र, बोरवट (बांसवाड़ा) में आम के पौधे तैयार किए जाते है। इसके बाद इनको किसानों को उपलब्ध करवाए जाते हैं और वह इससे खेती के रूप में इस्तेमाल करके लाखों रूपए कमा रहे हैं।
45 प्रजातियों के आम
बंगलौरा, नीलम, चौसा, दशहरी, मनकुर्द, वनराज, किशन भोग, बॉम्बे ग्रीन, बॉम्बई, केसर, राजस्थान केसर, फजली, मूलागो, बैगनपाली, जम्बो केसर गुजरात, टीमुरवा, आंगनवाला, देवरी के पास वाला, कसलवाला, कुआवाला, आमड़ी, धोलिया, बारामासी, बनेसरा, सागवा, कालिया, मकास, काकरवाला, लाडुआ, हाड़ली, अनूप, कनेरिया, पीपलवाला,स्वर्ण रेखा,हिमसागर, जरदालु, अल्फांजो, बजरंग, राजभोग, मल्लिका, लंगड़ा, आम्रपाली, फेरनाड़ी, तोतापूरी, रामकेला आदि प्रजातियों का उत्पादन होता है।
अन्य फलों की बंपर पैदावार
जिले में कई प्रकार के फलों का उत्पादन हो रहा है जिसमें आंवला, नींबू, अमरूद, पपीता, अनार, चीकू तथा अन्य फल शामिल है। गर्मियों के दिनों में आम के रस से बने हुए पापड़ भी बहुत ज्यादा पसंद किए जा रहे है। इसकी मांग ज्यादा होती है तो इसी वजह से वह हाथों हाथ ही बिक जाता है।
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