बूंदी। राजस्थान के बारां में 3 और 4 सितंबर को बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ओर से दरबार लगाया गया। इस दौरान एक फर्जी डॉक्टर मरीज को गलत इंजेक्शन लगाकर बागेश्वरधाम की कथा में जा पहुंचा। मरीज की मौत होने पर डर के मारे क्लिनिक संचालक उसके शव को क्लिनिक में बंद करके बारां चला गया।
भतीजे ने दर्ज कराई रिपोर्ट
यह मामला बूंदी (Bundi Fake Doctor) जिले के इन्द्रगढ का है। इंद्रगढ़ थाना क्षेत्र में 4 सितम्बर को लोनावा से सुमेरगंजमंडी रोड पर एक व्यक्ति का शव मिला था। हत्या की आशंका होने पर पुलिस ने छानबीन की और इस मामले में एक झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। मृतक के भतीजे रघुवीर ने अपने काका ओमप्रकाश गुर्जर की (38) की हत्या की आशंका होने पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। ओमप्रकाश इन्द्रगढ़ सुमेरगंजमंडी (Bundi Fake Doctor) में हरिओम सैनी की क्लीनिक पर खांसी जुखाम का इलाज कराने गया था लेकिन देर रात तक भी घर नहीं पहुंचने पर ढूंढने का प्रयास किया।
यह भी पढ़े: Mayor Munesh Gurjar: मेयर मुनेश गुर्जर ने खोला अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा, शिकायत करने की कही बात
सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा
5 सितम्बर को (Bundi Fake Doctor) सुमेरगंजमंडी रोड पर हरिनारायण मैनेजर के कुआं खेत के सामने रोड किनारे पड़ी ओमप्रकाश की बॉडी मिली। उसके बाद पुलिस टीम ने घटनास्थल से लेकर आसपास के गांव में लोगों से पूछताछ की। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जानकारी मिली कि ओमप्रकाश हरिओम के क्लिनिक इलाज के लिए गया था। जहां उसे क्लीनिक संचालक हरिओम ने इंजेक्शन लगाया। इजेंक्शन लगाने से ओमप्रकाश का बीपी व पल्स कम हो गई।
शव को क्लीनिक में बंद कर कथा में हुआ शामिल
इसके बाद हरिओम घबरा गया और ओमप्रकाश को बेहोशी की हालत में क्लीनिक के अन्दर कमरे में ही लिटा दिया, कुछ देर बाद उसकी मृत्यु हो गई। शव को क्लिनिक में ही बंद करके बारां में चल रही बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की कथा सुनने के लिए चला गया। कथा से वापस आकर हरिओम ने अपने मित्र दीपक के साथ शव को क्लिनिक से बाहर निकाला और कार में डालकर सुनसान जगह पर ले गए। मृतक के हाथ में उसका मोबाइल रखकर दोनों वहां से फरार हो गए। इस पूरे मामले का पुलिस ने खुलासा किया। आरोपी हरिओम के विरुद्ध अपराध 304-201 आईपीसी का प्रमाणित पाया जाने पर प्रकरण में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।