Rajasthan News: राजस्थान में करीब 6 महीने पहले कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी। इस सरकार के मुखिया थे अशोक गहलोत, जो अब सिर्फ विधायक बनकर रह गए है। अपने पिछले शासनकाल में गहलोत ने जनहित में एकबाडा फैसला लेते हुए प्रदेश में 17 नए जिलों का गठन किया था। लेकिन अब बीजेपी की भजनलाल सरकार इन सभी नए जिलों की समीक्षा करने जा रही है। इसके लिए सरकार ने एक कैबिनेट सब-कमेटी गठित की है, जिसके बाद नए जिलों की चिंता बढ़ेगी।
नवगठित कैबिनेट सब-कमेटी सभी 17 नए जिलों की समीक्षा करेगी। माना जा रहा है इस रिव्यू के बाद कई छोटे जिलों पर संकट आ सकता है यानी संभावना है कि, उनकी जिले के रूप में मिली पहचान को ख़त्म कर दिया जाए। भजनलाल सरकार द्वारा गठित इस कमेटी का संयोजक उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को बनाया गया है। उनके साथ इस टीम में मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, मंत्री कन्हैयाल, मंत्री हेमंत मीणा और मंत्री सुरेश सिंह रावत भी शामिल किये गए है।
गौरतलब है कि, गहलोत सरकार में 2023 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 17 नए जिले और तीन नए संभाग बनाये गए थे। जिसके बाद प्रदेश में कुल 10 संभाग और 50 जिले हो गए, जोकि पहले क्रमशः 7 संभाग और 33 जिले थे। उस समय विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी ने गहलोत सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। साथ ही तीन तहसील वाले दूदू को जिला बनाने पर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किये थे। बता दे प्रेमचंद बैरवा दूदू से ही विधायक बनकर आये है।
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गहलोत सरकार ने बनाये थे ये 17 नए जिले
नए जिले: दूदू। जयपुर ग्रामीण। केकड़ी। ब्यावर। कोटपूतली। खैरतल डीग। गंगापुर सिटी। नीमकाथाना। शाहपुरा। सांचौर। सलूंबर। जोधपुर ग्रामीण। अनूपगढ़। फलौदी। डीडवाना। बालोतरा।
नए संभाग: सीकर, पाली और बांसवाड़ा।