जयपुर। BJP छोड़कर विधायक बने चंद्रभान सिंह आक्या (Chandrabhan Singh Akya) ने सांवलिया सेठ को कुकर चढ़ाया है। हालांकि, यह कोई आम कुकर नहीं बल्कि चांदी का कुकर जो उन्होंने सांवलिया सेठ को भेंट किया है। आपको बता दें कि Chandrabhan Singh Akya सिंह पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता थे, लेकिन राजस्थान विधानसभा चुनावों में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। इसके बाद चंद्रभान सिंह आक्या ने अपने दम पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड वोटों से जीत दर्ज की। भाजपा से टिकट पाने के लिए आक्या ने पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी की थी लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो सकी जिसका खमियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा।
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जीतने के बाद दिल्ली गए थे आक्या
आपको बता दें कि चंद्रभान से चित्तौड़गढ़ सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद दिल्ली गए थे और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना समर्थन-पत्र सौंपा था। इससे पहले आक्या ने ओम प्रकाश माथुर से भी मुलाकात की थी। Chandrabhan Singh Akya को माथुर का काफी करीबी माना जाता है। इसके बाद उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष से भी मुलाकात की थी।
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रविंद्र सिंह भार्टी ने भी दी बीजेपी को मात
आपको बता दें कि रविंद्र भाटी ने भी राजस्थान विधानसभा चुनावों अपनी जीत को लेकर सबको चौंका दिया था। रविंद्र सिंह भार्टी ने भाजपा के साथ जुड़कर पहले बेस बनाया और फिर बाद में बाड़मेर के शिव निर्वाचन क्षेत्र में शानदार जीत हासिल की। इस लड़ाई में रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय उम्मीदवार फतेह खान को लगभग 4,000 वोटों के अंतर से हराया था। उन्होंने कांग्रेस से अमीन खान और भाजपा से स्वरूप सिंह खारा को भी पटखनी दी थी।