- टूरिस्ट प्लेस की तरह हो रहा है विकसित
- पाली का दंतेवाड़ा है पैंथर्स की पसंद
- रात को नहीं जलती लाइटें
सोचिये गांव की गलियों में आदमी की जगह जंगली जानवर आपको मिले तो कैसा लगेगा। सभी कहेंगे यह आज के समय में संभव नहीं। लेकिन राजस्थान के एक गांव में ऐसा होना बहुत आम बात है। यहां गलियों में आम आदमी से ज्यादा पैंथर दिखना आम बात है। यह जगह है पाली जिले की दंतेवाड़ा की तहसील। यह जवाई के बाद पड़ने वाली बाली तहसील में पड़ती है। यही कारण है कि यह टूरिस्ट को भी अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। इस गांव में इंसानों की आबादी बहुत कम होने के कारण यहां जानवर अपने आप को सुरक्षित भी महसूस करते हैं।
पर्यटन विभाग भी कर रहा है विकसित
पैंथर्स की बढ़ती संख्या और पहाड़ी इलाका होने से यहां आने वाले सैलानियों को भी अच्छा अनुभव मिलता है। जिस कारण इस जगह को टूरिस्ट स्पाॅट की ही तरह विकसित किया जा रहा है। पर्यटन विभाग की ओर से यहां पर टूरिस्ट जंगल सफारी का भी आनंद उठाते हैं।
सुरक्षा का भी रखा जाता है खास ध्यान
गांव में पैंथर्स की आबादी ज्यादा होने से वे कहीं भी दिख जाते हैं। ऐसे में यहां रहने वाले हमेशा सावधानी रखते हैं। वहीं यहां आने वाले टूरिस्ट को भी शाम के बाद यहां रुकने की परमीशन नहीं दी जाती। सफारी आदि भी दिन ढलने से पहले बंद कर दी जाती है। यही नहीं पैंथर्स की आवाजाही का ध्यान में रखते हुए शाम को यहां रोशनी करना भी मना है।