जयपुर। मध्यप्रदेश के दतिया में पीतांबरा पीठ की मां बगलामुखी को शत्रुहंता के साथ-साथ राजसत्ता की देवी माना जाता है। वैसे तो सालभर यहां राजनेताओं की कतार लगी रहती है। जाप, अनुष्ठान होते रहते हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद नेताओं की कतार मां के दरबार में बढ़ गई है। चुनावी मौसम और नवरात्र का आगमन नेताओं के लिए यह सोने पर सुहागा माना जा रहा है। पीतांबरा पीठ में फरवरी तक अनुष्ठानों की बुकिंग फुल हो चुकी है। मध्यप्रदेश ही नहीं, चुनावी राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नेता भी यहां हाजिरी लगा रहे हैं। मंदिर में इतनी संख्या में अनुष्ठान हो रहे हैं कि पीठ में स्थान की कमी पड़ने लगी है।
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टिकट और जीत के लिए नेताओं की अर्जी लगने लगी है। नवरात्र में मां पीताम्बरा के दर्शन के साथ चुनावी शंखनाद कर प्रचार शुरू हो गया है। तो जाप और हवन कराए जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया। पीतांबरा पीठ में फरवरी तक अनुष्ठानों की बुकिंग फुल हो चुकी है। मंदिर में इतनी संख्या में अनुष्ठान हो रहे हैं कि पीठ में स्थान की कमी पड़ने लगी है। मंदिर प्रबंधन से जुड़े पुजारी बताते हैं कि नवरात्रि और चुनाव को देखते हुए आसपास बने होटलों में पूजा पाठ का क्रम चल रहा है। करीब 100 पंडित इसमें जुटे हुए है। नवरात्र के चलते प्रत्येक पंडित के पास रोज चार से पांच अनुष्ठान का जिम्मा है।
12 से ज्यादा मंत्री 50 से ज्यादा विधायकों ने की बुकिंग
मंदिर से जुड़े लोगों का कहना है कि मध्यप्रदेश के करीब 12 मंत्री और 50 विधायकों ने नवरात्रि में अनुष्ठान की बुकिंग करवा ली है। कुछ ने बाकायदा ट्रस्ट में आवेदन देकर बुकिंग करवाई है तो कुछ ने अपने परिचित पंडितों को ही पूजा पाठ और हवन का जिम्मा सौंपा है। इसमें अधिकांश हवन शत्रु दमन और दावेदारी में सफलता और सत्ता सुख चाहने वाले।
आलम यह है कि पीठ पर अनुष्ठान के लिए स्थान न मिल पाने की स्थिति में अब पुजारियों ने अपने यजमान राजनेताओं के अनुष्ठान के लिए पीठ के आसपास बने होटलों में पूजा पाठ की व्यवस्था करा दी है। जनवरी-फरवरी तक शतचंडी और नवचंडी यज्ञ अनुष्ठान आदि की बुकिंग फुल है। इसके अलावा दतिया में पीठ से जुड़े पुजारी और साधकों ने अपने निवास स्थानों पर भी पूजा स्थान बना रखे हैं। जहां बाहरी यजमानों के जप तप के साथ अनुष्ठान नवरात्रि में कराए जाएंगे।