जयपुर। विधानसभा चुनाव में अपनी जीत पक्की करने के लिए अब नेताओं का मंदिरों में ढोक लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है। नवरात्र के पहले दिन से मांं दुर्गा के प्रसिद्व मंदिरों में नेताओं ने अर्जी लगाई। राज्य भर में मां दुर्गा के ऐसे कई प्रसिद्व मंदिर है जहां चुनाव में राजसुख प्राप्ति के लिए नेताओं का जमावड़ा देखा जा सकता है। ऐसी ही मान्यता जयपुर के दिल्ली रोड़ पर आमेर की पहाड़ियों में स्थित मां राज राजेश्वरी मंदिर की है।
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कहते हैं जो भी मां राज राजेश्वरी की शरण में आता है राजसुख को प्राप्त करता है। राजा-महाराजाओं के समय से चली आ रही इस मान्यता के चलते चुनावों के दौर में कई राजनेता भी इस मंदिर में ढोक लगाकर राजसुख की कामना करते हैं। इस बार भी चुनाव से पहले कई नेताओं ने मंदिर पहुंच टिकट के लिए विशेष पूजा कराई है। टिकट मिलने के बाद चुनाव जीतने के लिए अनुष्ठान कराए जाएंगे।
ऐसे बना भव्य मंदिर
मंदिर के महंत अशोक पुरी महाराज बताते है कि सन् 1780 में एक बार आमेर के राजा सवाई प्रताप सिंह तूंगा का युद्ध हारने पर निराश होकर आ रहे थे। रास्ते में मानबाग के पास उन्हें एक तपस्वी का धूना दिखाई दिया, इस पर उन्होंने धूने पर पहुंच कर वहां विराज रहे अमृतपुरी जी महाराज को युद्ध हार जाने के बारे में बताया। इस पर अमृतपुरी ने उन्हें पुन:युद्ध में जाने और विजयी होने पर माताजी का मंदिर बनाने की प्रेरणा दी।
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मंदिर की देखभाल के लिए श्री राज राजेश्वरी माताजी मंदिर सेवा समिति बनाई है। समिति के तत्वावधान में मंदिर में नवरात्र के अलावा पौष बड़ा महोत्सव भी धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्र में कई जनप्रतिनिधियों के अलावा ब्यूरोक्रेसी से जुड़ेलोग भी माताजी के दर्शन करने आते हैं। मंदिर की महत्ता को जानने पर प्रदेश की राजनीति से जुड़े कई दिग्गज भी इस मंदिर में अनुष्ठान करा चुके हैं। सभी पार्टिंयों के कई नेता नियमित रूप से इस मंदिर में माथा टेकने आते हैं। चुनावी समय में यहां राजनेताओं की ओर से पूजा-अनुष्ठान करवाए जाते हैं।