जयपुर- भले ही सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा खत्म हो चुकी है लेकिन जंग अभी भी जारी है। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के खेमों के बीच युध्द अपनी चरम सीमा पर पहुंचने को है। पायलट पर लगातार मुख्यमंत्री गहलोत खेमे के मंत्री वार कर रहे है। हर कोई अब पूर्व डिप्टी सीएम पर निशाना साधे बेठा है। मुख्यमंत्री के सलाहकार तथा सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने भी अब पायलट पर बाण छोड़ा है। पायलट पर निशाना साधते हुए संयम ने पायलट की यात्रा पर ही सवाल खड़े कर दिए। संयम ने पायलट पर हमलावर होते हुए कहा पायलट चुनावी साल में नाखून काटकर शहीद का दर्जा चहाते है। इसके साथ ही संयम दावा करते हुए नजर आए की पायलट की इस यात्रा का कोई असर नहीं होने वाला है। इसे कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है। चुटकी लेते हुए संयम ने कहा यही मैदान है और यही घोड़े है थोड़ा सब्र रखों सबका हिसाब सामने आ जाएगा।
आखिर पायलट किस के मुद्दों पर कर रहे सियासत
पायलट के द्वारा उठाए गए मुद्दों को लेकर संयम लोढ़ा ने कहा है पायलट जिन घोटालों को जिक्र कर रहे है वह मुद्दे पांच साल तक मैंने उठाए है। हालांकी इससे पहले सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव रामसिंह कस्वां ने दावा करते हुए कहा है ये सार मुद्दे उनके है। कस्वां ने कहा था 2016 में वह इन मुद्दों को लेकर पायलट के पास गए थे। वहीं कस्वां का कहना रहा था जिन मुद्दों को लेकर में सुप्रीम कोर्ट गया पायलट उन्हीं मुद्दों पर राजनीति कर रहे है। हालांकी पायलट ने कस्वां के आरोपो पर जवाब भी दिया था और पायलट ने कहा था अभी तो आरोपों की शुरूआत है आगे आगे देखो क्या क्या होता है। अब इन मुद्दों पर संयम ने कहा यह मैरे मुद्दे है तो सबसे बड़ा सवाल यह है की आखिर पायलट किस के मुद्दों पर सियासत कर रहे है।
संयम ने कहा जब मैने यह मुद्दे उठाए थे तब मेरे साथ पायलट या उनके पक्ष का एक भी आदमी उनके साथ नहीं था। और पायलट नाखून कटवा कर शहीद बनना चहाते है, लेकिन वह भूल रहे है की राजस्थान की जनता सब जानती है। चुनावी साल में ही बेरोजगारों की याद क्यों आ रही है क्या इससे पहले बेरोजगार दिखाई नहीं दिए। चुनावी साल में ही क्यों घोटाले याद आ रहे है।
मर्यादा व अनुशासन में रहें
संयम ने पायलट पर निशाना साधते हुए कहा लोग इसे भली भांति समझ भी रहे है ओर देख भी रहे है। इसलिए पायलट हंसी का पात्र ना बने और पार्टी के अनुशासन और मर्यादा में रहकर ही काम करें। इसके साथ ही संयम ने पायलट पर तंज कसते हुए कहा आप खड़े नहीं हुए है आपको जनता ने खड़ा किया है इसलिए खड़े हुए हो। हालांकी पायलट ने हमेशा से कहा है मैने हमेश राजनीतिक शिष्टाचार का पालन किया है।
चैंबर नहीं मिलने पर रूठे थे पायलट
संयम लोढ़ा ने पायलट पर जमकर तीर चलाए, संयम ने कहा पायलट जब उपमुख्यमंत्री थे तो जरा जरा सी बात पर नाराज हो जाया करते थे। पायलट तो तब भी रूठ गए जब उनकी गाड़ी को पीतल के गेट पर नहीं आने दिया। विधानसभा में इस गेट से केवल मुख्यमंत्री, स्पीकर और सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की गाड़ियां ही आ सकती है। उसके बाद जब सचिवालय की बात आई तब भी पायलट रूठ गए और जिद पकड़ कर बैठ गए मुख्यमंत्री के कार्यालय में ही उनका चैंबर होने की मांग करने लगे।