CM Bhajanlal Sharma News : भजनलाल सरकार ने सरपंचों की बात को मान ली है, जो न सिर्फ सरपंचों के लिए बल्कि सभी 7463 ग्राम पंचायतों के लिए फायदेमंद साबित होने वाली है। जी हां, अब सरपंचों के लिए सरकार ने एक नई योजना की घोषणा की है। जिससे उनके काम में और भी सुगमता आएगी और सरपंच और सरकार के बिच चल रहा विवाद भी खत्म हो जाएगा। इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि यह खुशखबरी क्या है, और इससे गांवों की प्रशासनिक स्थिति में कैसे बदलाव आएगा, तो बिना समय गंवाए, आइए जानते हैं इस खास खबर के बारे में?
दरअसल, सरकार ने अब पंचायत चुनाव में सरपंचों की बड़ी मांग को मान लिया है। जिससे अब सरपंचों और सरकार के बीच चल रहा विवाद भी खत्म हो जाएगा। सरकार के इस नए फैसले के तहत सरपंचों को अपने गांवों के विकास कार्यों को और भी अच्छे तरीके से करने का मौका मिलेगा। दरअसल अब सरकार अब सरपंचों को प्रशानसक बना सकती है। सरकार जनप्रतिनीधियों को ही प्रशासक जिम्मेदारी दे सकती है, इसकी घोषणा भी जल्द हो सकती है।
दरअसल राजस्थान में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर भजनलाल सरकार एमपी, झारखंड और हाल में उत्तराखंड में अपनाए गए फॉर्मूले का अध्ययन कर बड़ा फैसला ले सकती है। बता दें कि कई राज्यों में पंचायती राज में प्रशासक की जगह पुराने जनप्रतिनिधि को बरकरार रखा जाता है। ऐसे में उस प्रशासक के पास वित्तीय और प्रशासनिक पावर रहते हैं। बताया जाता है कि इस फॉमूले से जनता की मांगों को ध्यान में रखकर विकास कराया जाता है। यही वजह है कि राजस्थान में भी अब सरपंचों को ही प्रशासक नियुक्त किया जा सकता है।
हालांकि अभी भी राजस्थान में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश की 7463 ग्राम पंचायतों पर चुनाव आगे खिसकाए जा सकते है। ऐसा इसलिए है कि राजस्थान की 6759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल जनवरी में पूरा होने वाला है वही 704 ग्रांम पंचायतों का कार्यकाल मार्च 2025 में पूरा होगा। ऐसे में राज्य सरकार नगर निकाय की तर्ज पर ही जनप्रतिनिधियों को प्रशासक लगाने की तैयारी में है। राजस्थान सरकार ने 25 नवंबर को 49 निकायों में कार्यकाल पूरा होने के चलते प्रशासक लगाने की शुरुआत हुई थी।
बता दें कि सरकार पहले से ही ग्राम पंचायत चुनाव नहीं करवाने के पक्ष में थी, क्योंकि मतदाता सूचियां तैयार करना और चुनाव कार्यक्रम जारी करने में तीन माह का समय लगता है जिन पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। उन 6759 ग्राम पंचायतों में चुनाव किसी भी सूरत में समय पर संभव नहीं हो सकते। यहीं वजह है कि अब पंचायत चुनाव को आगे खिसकाने के साथ ही सरपंचों को प्रशासक बनाया जा सकता है।
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