Phalodi Satta Bazar: लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान की बड़मेर-जैसलमेर (barmer jaisalmer lok sabha seat) लोकसभा सीट पर मुकाबला दिनों—दिन दिलचस्प होता जा रहा है। यहां त्रिकोणीय संघर्ष में भाजपा और कांग्रेस एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं, लेकिन इसके बाद भी निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी का सामना नहीं कर पा रही है। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में पीएम मोदी के विचारों से प्रभावित 26 साल का युवा चुनावी समर में उतरा तो बीजेपी की परेशानी बढ़ गई है।
यह भी पढ़ें: Phalodi Satta Bazar 9 April 2024: CM भजनलाल ने ढूंढ़ ली भाटी की काट, गोदारा के बाद कुणाल सिंह से हुई डील
विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ज्वॉइन की लेकिन टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बना। इसके बाद फिर से बीजेपी के संर्पक में आया लेकिन बात नहीं बनी तो लोकसभा चुनावों में ताल ठोक दी। इस बार बीजेपी को इस सीट पर कड़ी टक्कर कांग्रेस से नहीं बल्कि भाटी से मिल रही है। इसी वजह से पार्टी ने सीएम योगी और बागेश्वर बाबा को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है।
विधानसभा में चुनाव में दिखाई ताकत
भाटी राजस्थान विधानसभा में सबसे युवा विधायक के रूप में पहुंचे थे और इसके बाद वह लगातार बीजेपी के संपर्क में थे। लेकिन चुनावों के समय कुछ ऐसी बात हुई जिसके कारण वह खफा हो गए और चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
चुनावों के बाद लगातार रविंद्र भाटी की सीएम भजनलाल शर्मा (CM Bhajan lal sharma) से मुलाकातें हुई थीं और लग रहा था की भाटी बीजेपी के साथ जाएंगे।
सीएम योगी और बाबा बगेश्वर ने संभाला मोर्चा
इस सीट पर भाटी की सेना को रोकने के लिए बीजेपी ने स्मृति ईरानी, बागेश्वर बाबा, योगी आदित्यनाथ और अमित शाह जैसे कई फायर ब्रांड नेताओं की रैलियां करवाने का प्लान बनाया है। क्योंकि बीजेपी को लगने लगा है कि इस सीट पर कैलाश चौधरी को हार का सामना करना पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें: Onion Mandi Bhav: मंडी में हर दिन आ रहे 10 हजार प्याज के कट्टे, इस बार कीमत छुएगी आसमान
मोदी और शाह को सीधी चुनौती
भाटी ने इस बार खुलकर प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को ही सीधी चुनौती दे दी है। कांग्रेस के प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल की नामांकन की रैली में भी उमड़ी भीड़ से भी बीजेपी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। सियासी जानकारों का मानना है कि भाटी लगातार बीजेपी के मूल वोट बैंक में सेंधमारी करने में सफल हो रहे है और लिहाजा, अब भाटी को रोकने के लिए बड़े नेताओं को उतारा जा रहा है।