जयपुर। कांग्रेस सरकार के लिए चुनाव से पहले परेशानी बढ़ने लगी है। नगर निगम हेरिटेज की मेयर सहित पार्षद अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठे है। पार्षदों ने अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा को निलंबित करने की मांग की हैं। धरने पर बैठे पार्षद आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है। महापौर मुनेश ने धरने को लेकर कहा पार्षद अपनी जायज मांग को लेकर धरना दे रहे है। इस दौरान महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा सत्य की नाव डूब नहीं सकती डगमगा सकती है। हमें विश्वास है सरकार हमारी मांग पूरी करेगी।
मेयर मुनेश गर्जर सहित 50 पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कुलदीप रांका तक पहुंचाया गया हैं। पार्षदों ने कहा हमे विश्वास है सरकार वर्मा को निलंबित जरूर करेगी। पार्षदों ने कहा यदि ऐसा नहीं हुआ तो पार्षद अपने पद का त्याग कर देंगे। पार्षदों ने कहा यह जनता की लड़ाई है जो हम लड़ रहे है यदि यह नहीं लड़ पाए तो यह पद किस काम का। पार्षद उमरदराज ने कहा वर्मा की लापरवाही आज जयपुर की जनता पर भारी पड़ रही हैं। सरकार जब तक राजेंद्र वर्मा को निलंबित नहीं कर देती यह धराना जारी रहेगा।
यह है पुरा मामला
नगर निगम के पार्षदों को प्रत्येक वार्ड में पांच अस्थायी कर्मचारी दिए जाते है। इसके लिए टेंडर प्रकिया निकलने वाली थी। आयुक्त के द्वारा टेंडर नाटशीट पर साइन नहीं किए जा रहे है। मानसून को देखते हुए कर्मचारियों की आवश्यकता है उसके बावजूद भी वर्मा के द्वारा टेंडर पर हस्ताक्षर नहीं किए जा रहे है। पार्षदों की शिकायत पर महापौर मुनेश ने अतिरिक्त आयुक्त वर्मा को बुलाया लेकिन अतिरिक्त आयुक्त महापौर कक्ष में नहीं आए जिसके बाद पार्षद जबरन वर्मा को लेकर आए। इस दौरान वर्मा र पार्षदों के बीच जमकर बहस हुई। जिसके बाद विवाद गहरा गया ओर पार्षद धरने पर बैठ गए।